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यूरोप और अमेरिका को मदद देगा चीन

१४ सितम्बर २०११

चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने यूरोप और अमेरिका को आर्थिक समस्याओं के हल में मदद का भरोसा दिया है, लेकिन उसके बदले दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को बाजार अर्थव्यवस्था की मान्यता देने की मांग की है.

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वेन जियाबाओतस्वीर: dapd

उत्तरी चीन के डालियान शहर में समर दावोस के नाम से हो रहे विश्व आर्थिक फोरम की बैठक का उद्घाटन करते हुए चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश मदद का हाथ बढ़ाने और यूरोपीय देशों तथा अमेरिका में अधिक निवेश करने को तैयार है. आर्थिक संकट के दिनों में चीन रक्षक के रूप में सामने आ रहा है. उसके पास विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा भंडार है जिसका कहीं न कहीं निवेश करना होगा. लेकिन चीन इसके बदले पश्चिम से रियायत भी चाह रहा है.

बहाने न बनाएं 

प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया जब चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सांसदों से अपील की है कि व्यापारिक संरक्षणवाद के लिए बहानों का सहारा न लें. इससे पहले अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रैटिक बहुमत के नेता हैरी रीड ने चीन पर मुद्रा की दर में ढील देने के लिए दबाव बनाने के लिए युआन बिल पेश किया है. प्रवक्ता जियांग यू ने कहा, "चीनी-अमेरिकी आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के स्थिर और स्वस्थ विकास की रक्षा दोनों पक्षों के हित में है." बहुत से अमेरिकी सांसद समझते हैं कि चीन के साथ अमेरिका का भारी व्यापारिक घाटा चीन की मुद्रा नीति के कारण है जो युआन की दर बढ़ने नहीं देता. 2010 में अमेरिका का चीन के साथ व्यापार घाटा 273 अरब डॉलर था.

Flash-Galerie Jahresrückblick Wirtschaft 2010
डॉलर युआन का झगड़ातस्वीर: Dominik Joswig

वेन जियाबाओ ने अमेरिका से अपने बाजार को चीनी निवेश के लिए खोलने की मांग की और कहा कि तब वे अमेरिका में रोजगार का निर्माण भी कर पाएंगे. चीनी प्रधानमंत्री ने उच्च तकनीक वाले सामान की बिक्री पर प्रतिबंध उठाने की मांग की ताकि अमेरिका चीन को अपना निर्यात बढ़ा सके और व्यापारिक घाटा कम कर सके.

चीन को बाजार अर्थव्यवस्था मानने की मांग

यूरोप से चीन की मांग है कि उसकी अर्थव्यवस्था को बाजार अर्थव्यवस्था माना जाए. प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि 25 अक्तूबर को चीन और यूरोपीय संघ की शिखर भेंट में इस पर सहमति हो जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2016 में चीन यूं भी विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बनने के बाद बाजार अर्थव्यवस्था मान लिया जाएगा. लेकिन यूरोपीय देशों को उससे पहले ही अपनी गंभीरता का प्रदर्शन करना चाहिए. इसका चीन के लिए मनोवैज्ञानिक और सांकेतिक महत्व है. इससे खासकर एंटी डोपिंग जैसे व्यापारिक विवादों में चीन को लाभ मिलेगा.

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चीनी निवेश

चीनी प्रधानमंत्री ने समर दावोस में भाग लेने वाले 1700 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि यूरोप और अमेरिका अपनी समस्याओं से निपट सकते हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने मांग की कि सभी सरकारों को अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए और अपने घरों में व्यवस्था लानी चाहिए. वेन जियाबाओ ने कहा कि चीन दुनिया से अलग थलग होकर विकास नहीं कर सकता और दुनिया को भी विकास के लिए चीन की जरूरत है.

चीन के पास 3200 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है जिसमें एक चौथाई यूरो में है. पिछले साल 10.4 फीसदी विकास दर के बाद इस साल विकास दर गिरकर 9 फीसदी होने की उम्मीद है. बढ़ती मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक ने मुद्रा नीति पर लगाम कस दी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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