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यूरो को बचाने के लिए यूरोप में नया टैक्स

९ जनवरी २०१२

जर्मनी और फ्रांस यूरो को बचाने के लिए बजट घाटे मे कमी और आर्थिक विकास के अलावा वित्तीय लेन देन पर कर लगाने पर जोर दे रहे हैं. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने बर्लिन में भेंट की.

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सार्कोजी और मैर्केल बर्लिन मेंतस्वीर: Reuters

मैर्केल और सार्कोजी ने कहा है कि वे यूरोपीय शिखर भेंट में विकास और रोजगार के लिए प्रस्ताव देंगे. चांसलर ने कहा कि सरकारी तिजोरियों को स्वस्थ बनाने के अलावा विकास और रोजगार अर्थव्यवस्था का दूसरा जरूरी पाया है. उन्होंने कहा कि इस समय यूरोपीय संघ के देशों में लागू श्रम कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है ताकि सर्वोत्तम से सीखा जा सके. इस महीने के अंत में होने वाले यूरोपीय शिखर सम्मेलन में इस सिलसिले में नए प्रस्ताव दिए जाएंगे.

चांसलर मैर्केल ने वित्तीय लेन देन पर कर लगाने का समर्थन करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से इसके पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की राय में यह सही कदम है और हम इसके लिए संघर्ष जारी रखेंगे. लेकिन मैर्केल की साझा सरकार में अब तक इस पर सहमति नहीं है. चांसलर ने कहा कि मार्च के अंत में यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों की रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर यह कर अकेले यूरोजोन में ही लागू किया जाएगा. फ्रांस ने शुक्रवार को कहा था कि वह अकेले ही इस विवादास्पद कर को लागू करने को तैयार है. जर्मनी ने साफ कर दिया है कि वह फ्रांस के साथ अकेले ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा.

क्या है वित्तीय लेन देन कर?

यह कर हर वित्तीय उत्पाद की खरीद बिक्री पर लागू होगा. इसमें शेयर और मुद्रा से लेकर बांड पेपर तक शामिल होंगे. पिछले साल दिए गए प्रस्ताव के अनुसार यूरोपीय आयोग बैंकों, बीमा कंपनियों और इंवेस्ट फंड के बीच होने वाले लेन देन पर यह कर लगाएगा. इसका उद्देश्य सट्टेबाजी पर काबू पाना और वित्तीय संकट के खर्च में वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी है.

कितना होगा कर?

जर्मनी या फ्रांस जैसे देशों ने अब तक कर के लिए कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया है. यूरोपीय आयोग का प्रस्ताव है कि शेयरों और बांड पर 0.1 फीसदी कर लगना चाहिए जबकि यौगिक बांड (डेरिवेटिव) पर 0.01 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव है.

कितना होगा राजस्व?

यूरोपीय आयोग का आकलन है कि इन करों को सभी सदस्य देशों में लागू किया जाता है तो हर साल 57 अरब यूरो का राजस्व इकट्ठा होगा. यदि यह कर पूरी दुनिया में लागू किया जाता है तो गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम के अनुसार 0.05 फीसदी कर लने पर हर साल 310 अरब यूरो इकट्ठा किया जा सकेगा. भूमंडलीकरण विरोधी संस्था अटाक के अनुसार जर्मनी में ही 36 अरब यूरो तक इकट्ठा किया जा सकेगा.

क्या होगा इस धन का?

वित्तीय लेन देन पर कर लगाने से जमा धन का क्या हो, इस पर विवाद है. यूरोपीय आयोग इस धन को अपने और सदस्य देशों के बीच बांटना चाहता है. लेकिन गैरसरकारी संगठनों को आशंका है कि इस धन को विकास के काम में लगाने की बजाय कर्ज में डूबे यूरोपीय देश इसका उपयोग बजट पर बोझ घटाने के लिए करेंगे.

कौन कर रहे हैं विरोध?

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश इस कर का जोरदार विरोध कर रहे हैं. लंदन को अपने वित्तीय केंद्र को नुकसान पहुंचने की आशंका है. इसलिए यूरोपीय संघ में सभी 27 देशों की सहमति संभव नहीं लगती. चूंकि ब्रिटेन यूरो जोन में शामिल नहीं है, यूरो चलाने वाले 17 देश इस कर को लागू करने का फैसला कर सकते हैं.

रिपोर्ट:एएफपी, डीएपीडी/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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