यूरो के लिए आयरलैंड की मदद की तैयारी
१७ नवम्बर २०१०ब्रसेल्स में वित्त मंत्रियों के अपने फैसलों का एलान करने से पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री ब्रायन कोवेन ने मदद के लिए अर्जी देने के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया. आयरलैंड के बैंकों का यह संकट दूसरे देशों को भी प्रभावित कर सकता है और यूरो की स्थिरता के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
यूरोग्रुप के चेयरमैन ज्यां क्लाउडे जुंकर ने कहा कि यूरोपीय आयोग, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आयरलैंड के साथ बातचीत करेगा. आयरलैंड के बजट घाटे का ज्यादातर हिस्सा अपने बैंकों को बचाने में लगा उसका पैसा ही है. मंगलवार को बातचीत की अध्यक्षता करने वाले जुंकर ने कहा कि 16 देशों की करंसी यूरो को बचाने के लिए हर कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा, "आयरलैंड से बातचीत के बाद ही हमारे पास हमारे पास वे तत्व होंगे जिनकी आयरलैंड को मदद मांगने के लिए तैयार करने में जरूरत है." उन्होंने यूरोग्रुप के कार्रवाई करने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि यूरो क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम तो उठाए ही जाएंगे.
उधर आईएमएफ ने कहा कि इस बातचीत में हिस्सा लेने का अनुरोध उससे आयरलैंड ने ही किया था. एक बयान में आईएमएफ ने कहा, "आईएमएफ की एक टीम यूरीपीय संघ और यूरोपीय केंद्रीय बैंक के साथ एक बैठक में हिस्सा लेगी. इस बैठक में आयरलैंड को खतरे से उबारने के लिए जरूरी कदमों पर विचार किया जाएगा."
डबलिन में प्रधानमंत्री कोवेन ने कहा कि आयरलैंड की सरकार के पास 2011 तक के मध्य तक के लिए धन है और मदद की जरूरत बस इसके बैंकों को पड़ सकती है. आयरलैंड के बैंक यूरोपीय केंद्रीय बैंक से आने वाले धन पर ही निर्भर हैं क्योंकि ग्रीस में आर्थिक संकट के बाद दूसरे बैंक आयरलैंड के बैंकों को धन देने में झिझक रहे हैं. यह बैंकों के लिए बड़ा संकट बन गया है. आयरलैंड के सबसे बड़े बैंक, बैंक ऑफ आयरलैंड ने बताया है कि अगस्त से सितंबर के बीच उसके खातों से 10 अरब यूरो निकल चुका है. अलाइड आयरिश बैंक्स, जिनमें 90 फीसदी सरकारी बैंक शामिल हैं, इसी साल एक स्टेटमेंट जारी कर बताएंगे कि उनकी फंडिंग की क्या स्थिति है.
इस संकट का असर यूरो पर पड़ने लगा है. मंगलवार को ही उसकी कीमत में एक सेंट से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. यूरोपीय शेयरों में भी 2.2 फीसदी की गिरावट आई क्योंकि निवेशकों को आशंका है कि बैठक से आयरलैंड के संकट का हल निकलना मुश्किल है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन