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यूक्रेन में तिमोशेन्को की हार

२९ अक्टूबर २०१२

यूक्रेन के चुनावों में जीत हासिल कर सत्ताधारी पार्टी ने इतिहास रचा. यह पहला मौका है जब संसदीय चुनाव में सत्ताधारी जीते हैं. सजा काट रही पूर्व प्रधानमंत्री यूलिया तिमोशेन्को के गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा.

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तस्वीर: Reuters

मतगणना के नतीजे जैसे जैसे आते गए ऑरेंज रिवोल्यूशन का चेहरा बनी यूलिया तिमोशेन्को मुरझाती गईं. संसद में विपक्ष में बैठी तिमोशेन्को की पार्टी को 21.98 वोट मिले. उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच की पार्टी को 35.03 फीसदी वोट मिले. वोटों के अनुपात के हिसाब से दोनों पार्टियों को नई संसद में सीटें मिलेंगी.

केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक रविवार को हुए मतदान में 58 फीसदी लोगों ने वोट डाले. पहले नंबर पर रीजन्स पार्टी रही. दूसरे स्थान पर तिमोशेन्को के विपक्षी गठबंधन रहा. वामपंथी पार्टी को भी अच्छी सफलता मिली. 14.89 फीसदी वोटों के साथ वह तीसरे स्थान पर रहे. तिमोशेन्को के अलावा नतीजे नई यूडीएआर पार्टी के लिए मायूस करने वाले रहे. उम्मीद की जा रही थी कि यूडीएआर (पंच) दूसरे स्थान पर रहेगी, लेकिन वह फिसड्डी साबित हुई.

यूक्रेन की राजनीति पर नजर रखने वाले विश्लेषक मिखाइलो पोग्रेबिंस्की कहते हैं, "रीजन्स पार्टी के पास अब बहुत होगा. बहुमत खुद का या कुछ स्वतंत्र सांसदों के सहयोग से मिलेगा. यूक्रेन के इतिहास में यह पहला मौका है जब सत्ताधारी पार्टी ने संसदीय चुनाव जीता है."

नतीजों से पश्चिमी देशों की चहेती तिमोशेन्को की मुश्किलें बढ़नी तय हैं. 51 साल की तिमोशेन्को अगस्त 2011 में गिरफ्तार किया गया. अक्टूबर में उन्हें पद के दुरुपयोग का दोषी करार दिया गया और सात साल की सजा सुनाई गई. तिमोशेन्को को समर्थक और पश्चिमी देश फैसले को राजनीति से प्रेरित करार देते हैं.

Ukraine Wahlen Präsident Viktor Janukowitsch in Kiew
तस्वीर: Reuters

तिमोशेन्को फिलहाल जेल से बाहर एक अस्पताल में हैं. उनका इलाज चल रहा है. चुनाव के दिन उन्होंने अस्पताल में ही दो अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में वोट डाला. तिमोशेन्को और राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के बीच कट्टर प्रतिस्पर्द्धा का इतिहास पुराना है. सोवियत संघ के समय यानुकोविच यूक्रेन की प्रमुख हस्ती थे. वह 2002 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहे लेकिन 2004 के ऑरेंज रिवोल्यूशन के बाद तिमोशेन्को और उनके गठंबधन ने पश्चिम की तरफ झुकाव वाली सरकार बनाई. रूस के करीबी माने जाने वाले यानुकोविच की नीतियां बदल दीं. 2010 में यानुकोविच की वापसी हुई. वह राष्ट्रपति बने. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने तिमोशेन्को के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुराने मामले खोल दिए. 2015 में देश में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और यानुकोविच पहले ही साफ कर चुके हैं कि तिमोशेन्को पर नरमी नहीं दिखाई जाएगी.

4.6 करोड़ आबादी वाला यूक्रेन इस वक्त आर्थिक मंदी की चपेट में हैं. चुनाव के चक्कर में रीजन्स पार्टी ने सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह और पेंशन तो बढ़ा दी. सरकार ने आर्थिक सुधारों का वादा तो किया है लेकिन अब बजट घाटा सिर चढ़ रहा है.

ओएसजे/एमजी(एएफपी, रॉयटर्स)

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