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यमन के प्रदर्शनों में दो की मौत, सैंकड़ों घायल

१२ मार्च २०११

यमन में सरकार विरोधी प्रदर्शन पर काबू करने के लिए कई जगह पुलिस गोलीबारी की है. प्रदर्शानकारियों पर लाठियां भी चलीं और आंसू के गोले भी दागे गए. राष्ट्रपति सालेह के खिलाफ प्रदर्शनों में स्कूली बच्चे भी हिस्सा ले रहे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

यमन में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई है. शनिवार को राजधानी सना में पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़प हुई जिसमें एक युवक की मौत हुई. इसके अलावा दक्षिणी शहर मुकाला में भी पुलिस ने प्रदर्शकारियों पर गोलीबारी की जिसमें एक 12 साल के लड़के की जान चली गई और कई लोग घायल हुए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. एक डॉक्टर ने बताया कि गोली लड़के के सर में लगी थी जिस कारण उसे बचाया नहीं जा सका. डॉक्टर के मुताबिक 300 जख्मी लोगों को अस्पताल लाया गया.

Jemen Proteste NO FLASH
तस्वीर: dapd

आंसू गैस से नर्वस सिस्टम पर असर

यमन के गृहमंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी शुरू करने का इल्जाम लगाया और कहा कि झड़प के दौरान 161 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया. अब तक मिली खबरों के मुताबिक पुलिस ने अलग तरह की गैस का इस्तेमाल किया जो केवल आंखों पर ही नहीं शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी बुरा असर छोड़ रही है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोग तड़प रहे थे और गत्तों से हवा कर के एक दूसरे की मदद कर रहे थे और बार बार चहरे पर पानी डाल रहे थे. घायलों की मदद करते हुए डॉक्टर बशीर अल कहली ने बताया, "पुलिस कोई अजीब सी गैस का इस्तेमाल कर रही है. इस से मांसपेशियों में खिचाव आ रहा है और नर्वस सिस्टम ठीक तरह से काम नहीं कर पा रहा है. जिन लोगों पर आंसू गैस इस्तेमाल की गई उन्हें हमने प्राथमिक चिकित्सा दी, लेकिन बाद में वो कुछ और ही दिक्कत्तों के साथ वापस आए." गृहमंत्री ने ऐसी किसी भी गैस के इस्तेमाल से इनकार किया है जो तंत्रिका तंत्र पर असर करे.

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तस्वीर: AP

32 सालों का राज

यमन में लोग राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. सालेह पिछले 32 सालों से कुर्सी पर बने हुए हैं. पिछले कई हफ्तों से चल रहे प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 300 लोगों के मारे जाने की खबर है. मिस्र और ट्यूनीशिया में हुए प्रदर्शनों के बाद यमन में सालेह की पकड़ कमजोर हो गई है, लेकिन वो अब भी अपना पद त्यागने को तैयार नहीं हैं. अमेरिका भी सालेह पर दबाव बना रहा है कि वो स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाएं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

सम्पादन: एन रंजन

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