मौसम की मारी दुनिया
कहीं भारी बर्फ तो कहीं बारिश और बाढ़, मौसम ने यूरोप की हालत खराब कर रखी है. स्लोवेनिया, सर्बिया, ऑस्ट्रिया के कई इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण करीब ढाई लाख लोग बिना बिजली के हैं.
पांच फुट बर्फ
ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया सहित यूरोप के कई हिस्सों में बर्फ की मार है. आसमान से बर्फ का गिरना थम ही नहीं रहा, इतना ही नहीं बर्फ के साथ हल्की बारिश ने और मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. यहां तस्वीर में देखा जा सकता है कि बर्फ का कितना ऊंचा ढेर इन देशों में जमा हुआ है.
भारी बर्फ
पानी मिली बर्फ होने के कारण उसका वजन बढ़ रहा है. पेट्रोल पंप के जैसी सपाट छतों वाली इमारतों की छत ढह जाने का खतरा बढ़ रहा है. वहीं ट्रेन, सड़क यातायात बुरी ठप है. करीब ढाई लाख लोग बिना बिजली के हैं.
अमेरिका के बाद यूरोप
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि असामान्य तूफानी कोसावा हवा इस बर्फीले तूफान का कारण है. जनवरी शुरुआत में अमेरिका में भी कनाडा से आने वाली बर्फीली ध्रुवीय हवाओं ने आतंक मचाया था और कई इलाकों में तापमान शून्य से 38 डिग्री नीचे चला गया था.
ईरान में भी
ईरान के उत्तरी हिस्सों में भी बर्फीले तूफान ने कहर मचा रखा है. 2014 की शुरुआत में अमेरिका से लेकर यूरोप के कई हिस्सों में मौसम की अति देखने को मिली.
बर्फमय
उत्तरी ईरान में बर्फ दो मीटर की ऊंचाई तक जमी है. यहां सामान्य तौर पर हल्की ठंड या गर्मी रहती है. भारी बर्फ के कारण बिजली, गैस और टेलीफोन की लाइनें बंद पड़ गई हैं. कई शहरों से संपर्क कट गया है.
परेशान लोग
औसत तापमान पर रहने वाले लोगों के लिए इतनी सारी बर्फ मुश्किल का कारण बन गई है. बर्फ के कारण वाहनों को तो नुकसान पहुंचा ही है. बिजली के तार भी टूट गए हैं.
तूफानी लहरें
एक ओर बर्फ तो दूसरी ओर यूरोप के तटीय इलाकों में ऊंची लहरों ने कहर मचाया. स्पेन, फ्रांस सहित कई हिस्सों में लहरें शहर के काफी अंदर आ गईं.
10 मीटर ऊंची
उत्तरी स्पेन में अटलांटिक के तटीय इलाकों में ये लहरें करीब 10 मीटर ऊंची थी. पानी इतनी तेजी से गलियों में घुसा की कई इमारतों के शीशे टूट गए और सड़कों में डेढ़ मीटर तक पानी भर गया.