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मैदान छूटा पर अख्तर के विवाद नहीं छूटे

२७ सितम्बर २०११

शोएब अख्तर को अपने खेल के लिए उतनी चर्चा नहीं मिली जितनी विवादों के लिए मिली. खेल खत्म हो चुका है. अख्तर मैदान से जा चुके हैं. लेकिन विवाद अब भी उछल रहे हैं. नया विवाद तो उन्होंने खुद उछाला है.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने अपनी आत्मकथा में भारतीय खिलाड़ियों पर छींटे उछाले हैं. साथ ही गेंद से छेड़छाड़ और खेल में भ्रष्टाचार की बात कहकर उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट में भी हलचल मचा दी.

सचिन और द्रविड़ की बुराई

अख्तर ने सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ पर उंगली उठाई है. अख्तर की आत्मकथा कॉन्ट्रोवर्शियली योअर्स के कुछ हिस्से अखबारों में छपे हैं. अख्तर की टिप्पणियों ने भारत और पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया के क्रिकेट में हलचल मचाई है.

36 वर्षीय अख्तर ने अपनी आत्मकथा में दावा किया है कि दुनिया को दो दिग्गज बल्लेबाज तेंदुलकर और द्रविड़ सिर्फ अपने रिकॉर्ड के लिए खेलते थे और उन्होंने भारत के लिए बहुत कम मैच जीते. उन्होंने लिखा है, "मैं तेंदुलकर के शुरुआती दिनों की एक भी ऐसी सीरीज याद नहीं कर सकता जब उन्होंने मैच जीतने में मदद की हो. उन्होंने भले ही और लोगों से ज्यादा रन और रिकॉर्ड बनाए हों लेकिन उनके अंदर खेल को अंजाम तक पहुंचाने की काबिलियत नहीं थी."

अख्तर ने 1997 से 2011 के बीच 46 टेस्ट और 163 वनडे मैच खेले. किताब में वह 2006 का भारतीय टीम का पाक दौरा याद करते हैं. वह लिखते हैं कि उस दौरे में तेंदुलकर को उनका सामना करने में खासी दिक्कत आ रही थी. अख्तर के शब्दों में, "हमने मानसिक खेल में उन्हें हरा दिया. हम एक बाउंसर मारकर उन्हें आराम से परेशान कर रहे थे."

अख्तर की किताब पिछले हफ्ते नई दिल्ली में लॉन्च हुई. रविवार को इसे सचिन तेंदुलकर के शहर मुंबई में पेश किया जाना था लेकिन आयोजकों ने बिना कोई वजह बताए कार्यक्रम रद्द कर दिया.

Shoaib Akhtar
तस्वीर: AP

बॉल टैंपरिंग फिर सुर्खियों में

नशीली दवाओं के इस्तेमाल जैसे गंभीर आरोपों से जूझते करियर वाले शोएब अख्तर ने अपनी किताब में गेंद से छेड़छाड़ के बारे में खुलकर लिखा है. उन्होंने लिखा है कि गेंद पर "काम" करते हुए उन्हें कभी अपराध बोध नहीं हुआ. वह लिखते हैं, "खेल में बहुत असमानता आ गई है और अब यह सिर्फ बल्लेबाजों की तरफदारी करता है. अगर आप एक नो बॉल फेंक दें तो बल्लेबाज को फ्री हिट मिल जाती है. बाउंसर्स की तादाद कम कर दी गई है. उन्होंने हम पर इतनी बेरहमी से पाबंदियां लगा दी हैं कि मुझे गेंद से छेड़छाड़ करने में अपराध बोध महसूस करना बड़ा मुश्किल लगता है."

अख्तर बड़े आराम से बताते हैं कि बॉल टैंपरिंग कैसे होती है. वह लिखते हैं, "गेंद को तैयार करने के इतने सारे तरीके हैं. इसे खुरचना तो बस एक तरीका है. मैं कभी अपने पैर के नाखूनों का और कभी पैंट की पिछली जेब की जिप का इस्तेमाल करता था. कई गेंदबाज वैसलीन या गम का प्रयोग करते हैं."

Shoaib Akhtar, Pakistan
तस्वीर: AP

बचने का भी उपाय

कभी दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज रहे अख्तर बॉल टैंपरिंग से बचने का उपाय भी बताते हैं. वह लिखते हैं, "इसे रोकने का बस एक तरीका है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कम से कम कुछ पिचें गेंदबाजों के हिसाब से तैयार कराई जाएं." लेकिन उन्होंने एक और सुझाव दिया है जो काफी अखरता है. वह कहते हैं कि गेंद से छेड़छाड़ को कानूनी बनाकर इसके लिए नियम बना दिए जाने चाहिए.

पाकिस्तान का क्रिकेट पिछले लंबे समय से खेल की वजह से कम और विवादों की वजह से ज्यादा खबरों में है. सलमान बट, मोहम्मद आमेर और मोहम्मद आसिफ पर लगा लंबा प्रतिबंध एक ऐसा झटका है जिससे देश अभी उबरा नहीं है. ऊपर से वहां कोई खेलने को तैयार नहीं है. हाल के समय में पाक खिलाड़ियों को एक भी घरेलू सीरीज खेलने को नहीं मिली है. 2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुए हमले के बाद से कोई टीम पाकिस्तान जाने को तैयार नहीं. ऐसे में शोएब अख्तर का खड़ा किया यह नया विवाद देश में क्रिकेट का कोई भला नहीं करेगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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