क्या सुंदर पिचाई ने कांटों का ताज पहना है
५ दिसम्बर २०१९नर्म आवाज के मालिक 47 साल के सुंदर पिचाई ने दुनिया की सबसे बहुमूल्य कंपनियों में से एक की कमान तो संभाल ली है लेकिन उनके सामने चुनौतियां कई हैं. सुंदर पिचाई अपनी नई जिम्मेदारियों के साथ ही गूगल के सीईओ बने रहेंगे. मौजूदा वक्त में गूगल और अल्फाबेट पर कई देशों की सरकारें और सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजरें टेढ़ी हैं.
गूगल के सह संस्थापकों लैरी पेज और सर्गेय ब्रिन ने दो दशक पहले कैलिफोर्निया के एक गैराज में जिस कंपनी की नींव रखी थी, उसे एक दिग्गज टेक कंपनी बनाने के बाद अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए है. अल्फाबेट के सीईओ लैरी पेज की जिम्मेदारी अब सुंदर पिचाई संभालेंगे. उनके जिम्मे अब गूगल के अलावा अल्फाबेट का कामकाज भी होगा जिसमें सेल्फ ड्राइविंग कार, लाइफ साइंस और कई तरह की परियोजनाएं हैं.
दक्षिण भारत के चेन्नई में जन्मे पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अमेरिका का रुख किया. वहां उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग और मैटेरियल साइंस में डिग्री की पढ़ाई की और फिर पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की पढ़ाई की. टेकनाएनालिसिस रिसर्च के चीफ एनालिस्ट बॉब ओ डॉनेल का कहना है, "वह काफी बुद्धिमान, बहुत सक्षम है और ऐसा लगता है कि शांत और सौम्य हैं. मुझे लगता है कि वह कुल मिला कर मामलों को ठंडा करने वाले इंसान हैं लेकिन उन्हें कुछ मुद्दो से निपटना पड़ेगा."
लैनविन के स्नीकर पहनने वाले सुंदर अपनी सरलता के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने ऐसे वक्त में कंपनी की कमान संभाली है जब उस पर भरोसे का संकट गहरा रहा है. अमेरिका, यूरोप और दूसरे कई देश गूगल की पड़ताल कर रहे हैं. गूगल इंटरनेट का सबसे बड़ा सर्च इंजन होने के साथ ही मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड भी चलाता है.
नफरती बयानों और भड़काऊ कंटेंट के ऑनलाइन प्रबंधन को लेकर कंपनी पर सवाल उठ रहे हैं. इसके साथ ही यूट्यूब वीडियो सर्विस में बच्चों की निजता के मामलों से कैसे निपटा जाता है, इसे लेकर भी सरकारें सवाल पूछ रही हैं.
हाल ही में कंपनी के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था. कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में कार्रवाई नहीं होती. इतना ही नहीं, अमेरिकी सेना और सीमा की सुरक्षा देखने वाली एजेंसियों के साथ गूगल के व्यवहार पर भी कुछ विवाद चल रहे हैं. सेना के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का एक बड़ा ठेका देने की प्रक्रिया से जब गूगल को बाहर किया गया तो इस दौरान उसे देशभक्त नहीं मान कर उसकी आलोचना की गई. माना जाता है कि इसके बाद सुंदर पिचाई ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिल कर मामले को ठंडा करने में अहम भूमिका निभाई.
पिछले दिसंबर में जब अमेरिकी सांसदों ने उनसे राजनीतिक पक्षपात की शिकायतों और अनुचित दखल देने वाले डाटा कलेक्शन के बारे में तीखे सवाल पूछे तो सुंदर पिचाई ने बहुत शांत रह कर उनका सामना किया. इस दौरान उन्होंने कहा, "हम अपने प्रॉडक्ट निरपेक्ष तरीके से बनाते हैं." रिसर्च कंसल्टेंसी फर्म टेक्सपोनेंशियल के एवी ग्रीनगार्ट का कहना है, "उनका मिजाज बहुत शांत और सधा हुआ है, हालांकि मैं नहीं मानता कि सिर्फ इसी वजह से उन्हें शीर्ष पद के लिए चुना गया है." ग्रीनगार्ट का कहना है कि उन्हें कंपनी का बड़ा चेहरा बनाया गया है जबकि पेज और ब्रिन अब पृष्ठभूमि में चले गए हैं.
ग्रीनगार्ट के मुताबिक पिचाई को अल्फाबेट और गूगल दोनों की जिम्मेदारी संभालने का एक मतलब 2015 में कंपनी की पुनर्गठन की गलती की स्वीकार करना है. ग्रीनगार्ट मानते हैं कि सारे ऑपरेशनों को एक दूसरे के साथ जोड़ना जरूरी है और ऐसा नहीं करके कंपनी ने 2015 में गलती की थी.
विश्लेषक मानते हैं कि गूगल के हार्डवेयर बाजार में जगह बनाने में पिचाई मददगार रहे हैं. खासतौर से डिजिटल होम से जुड़े उपकरणों के मामले में इससे कंपनी की ऑनलाइन विज्ञापनों पर निर्भरता कम हुई है.
पिचाई की सरलता ने उन्हें लोगों की नजर में बहुत ज्यादा रहने से बचाए रखा है. फुटबॉल और क्रिकेट के शौकीन सुंदर ने आईआईटी की अपने साथी अंजलि से शादी की है और उनके दो बच्चे हैं.
वह भारत में जन्मे उन लोगों की लिस्ट को लंबी बनाते हैं जिनमें दुनिया की दिग्गज कंपनियों के सीईओ शामिल हैं. इसमें माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नाडेला, नोकिया के राजीव सूरी, एडोब के शांतनू नारायण और पिछले साल तक पेप्सीको की प्रमुख रहीं इंदिरा नूयी शामिल हैं.
चीन की टेलिकॉम कंपनी शाओमी के वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन कहते हैं, "जवाहर विद्यालय में अल्फाबेट सीखने से दुनिया की बहुमूल्य टेक कंपनियों में एक अल्फाबेट का नेतृत्व, बधाई हो सुंदर पिचाई, आप सबके लिए प्रेरणा हैं." भारत में आनंद महिंद्रा समेत और कई उद्योगपतियों ने सुंदर पिचाई को बधाई दी है.
इन बधाइयों के बीच यह बात कही जा रही है कि सुंदर को मौजूदा वक्त में कई चुनौतियों का सामना करना होगा. मूर इनसाइट्स एंड स्ट्रेटजी के पैट्रिक मूरहेड का कहना है कि उनकी प्राथमिकताओं में, "मौजूदा विज्ञापन मॉडल के कारण आ रही निजता की चुनौतियों से निपटना... नियामकों के आगे टूटने से खुद को बचाना और गैर विज्ञापन वाले कारोबार को बढ़ाना होगा."
एनआर/एके(एएफपी)
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