1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मुबारक पर चलेगा मुकदमा

Priya Esselborn११ अप्रैल २०११

मिस्र की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपती होस्नी मुबारक और उनके बेटों से पूछताछ के आदेश दिए हैं. मुबारक पर शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हिंसक हमले करने के आरोप हैं. भ्रष्टाचार के मामलों में भी पूछताछ की जाएगी.

https://p.dw.com/p/10r6I
होस्नी मुबारक और जमाल मुबारकतस्वीर: AP

मुबारक और उनके बेटों पर आरोप है कि जनवरी में शुरू हुए प्रदर्शनों में उन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का प्रयोग किया, जिस कारण कई लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. इसी मामले में अदालत ने उनसे पूछताछ करने के आदेश दिए हैं. देश की सरकारी समाचार एजेंसी मेना के मुताबिक, "सरकारी वकील अब्देल मगिद महमूद ने होस्नी मुबारक और उनके बेटों गमाल और अला से पूछताछ के आदेश दिए हैं."

मिस्र में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान करीब 800 लोगों की मौत हुई. अब अदालत ने गृह मंत्रालय से कहा गया है कि वो जल्द से जल्द सारी औपचारिकताएं पूरी करें, ताकि मुबारक और उनके बेटों को समन भेजा जा सके.

भ्रष्टाचार के भी मामले

मुबारक पर रिश्वतखोरी का भी मुकदमा चलेगा. रिपोर्टों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री अहमद नजीफ को पहले ही रिश्वतखोरी के मामलों में 15 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है. मुबारक के बेटे गमाल पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं. साथ ही मुबारक के पूर्व सैन्य प्रमुख जकारिया आजमी  भी 15 दिन की हिरासत में हैं.

अल अरेबिया पर मुबारक का संदेश

इस आदेश के जारी किए जाने के कुछ ही घंटे पहले मुबारक को अरब टीवी चैनल अल अरेबिया पर देखा गया. सत्ता छोड़ने के बाद पहली बार मुबारक को कोई सार्वजानिक संदेश देते हुए देखा गया. इस संदेश में 82 वर्षीय मुबारक ने कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई.

मिस्र में मुबारक के सत्ता छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी पूरी तरह शांत नहीं हुए. उनकी मांग थी कि मुबारक के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसी के चलते प्रदर्शनकारी हफ्ते एक बार काहिरा के तहरीर चौक पर इकट्ठा होते हैं. शनिवार सुबह तहरीर चौक पर हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए, जिन्हें हटाने के लिए सेना को हवा में फायरिंग करनी पड़ी. इसमें एक व्यक्ति की जान भी चली गई. सेना ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी थी कि वो चौक खाली कर दें, वरना उन्हें उसका अंजाम भुगतना होगा. लेकिन रविवार सुबह सेना को पीछे हटना पड़ा. 

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें