मुकदमे में निष्पक्षता दिखाने की कोशिश
२७ अगस्त २०१३प्रेम, भ्रष्टाचार और अपराध वाले इस कांड का पर्दाफाश एक ब्रिटिश कारोबारी की हत्या के बाद होना शुरू हुआ, जिसके लिए बो की पत्नी को दोषी पाया गया है. उसके बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में पोलितब्यूरो के सदस्य रहे बो शिलाई को पद से हटाने के बाद गिरफ्तार कर मुकदमा शुरू किया गया.
चीनी अधिकारियों ने पूर्वी शहर जिनान में चल रहे मुकदमे को निष्पक्ष दिखाने की कोशिश की है. बो शिलाई देश के दक्षिण पश्चिम में स्थित मेगासिटी चोंगचिंग के प्रमुख थे और देश के 25 सबसे ताकतवर नेताओं में शामिल थे. लोगों को लुभाने वाले अपने अति वामपंथी विचारों के कारण उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बांट दिया था और अंत में ब्रिटिश कारोबारी का हत्याकांड उनके पतन का कारण बना.
एकदलीय शासन वाले देश चीन ने अपने तेज मुकदमों की परंपरा को छोड़ा, जहां अभियुक्त अपना गुनाह कबूल कर लेते हैं. बो को अपने शक्तिशाली बचाव और गवाहों पर सवाल उठाने का मौका दिया गया. पांच दिनों के मुकदमे के दौरान जिनान की अदालत ने नियमित रूप से चीनी सोशल मीडिया साइट पर मुकदमे की रिपोर्ट दी.
ह्यूमन राइट्स वॉच के हांगकांग स्थित एक सीनियर रिसर्चर निकोलस बेक्वेलिन कहते हैं, "बो को लंबे समय तक बाहर कर देने वाले कानूनी फैसले की अधिकतम वैधता होनी चाहिए, ताकि यह सचमुच पार्टी को एक ऐसा उच्च नेता रखने के धब्बे से मुक्त कर सके, जो ऐसे भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग में शामिल था." उनका कहना है कि इस तरह का मुकदमा, जो निष्पक्ष दिखता है, फैसले को वैधता दे पाएगा और कम्युनिस्ट पार्टी के हित में होगा.
ब्रिटिश कारोबारी नील हेवुड की हत्या मामला ऐसे समय में आया जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी 10 साल पर होने वाले सत्ता परिवर्तन की तैयारी कर रही थी. इस बीच पार्टी के नए नेताओं को चुना जा चुका है, लेकिन इस बात का खतरा था कि बो के खिलाफ मुकदमा पार्टी के अंदर जारी राजनीतिक संघर्ष को ढकने जैसा लग सकता था. हांगकांग की सिटी यूनिवर्सिटी में चीनी राजनीति के जानकार जोसेफ चेंग का कहना है, "नेतृत्व और पार्टी लाइन की चुनौती का सामना भ्रष्टाचार के मामलों के जरिए किया जाता है. ये आम लोगों में इस भावना को और मजबूत करते हैं कि यदि अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं तो इसका मतलब यह है कि वे राजनीतिक मुश्किल में फंस गए हैं." हालांकि रिपोर्टिंग की हदों और मुकदमे के दौरान दूसरे नेताओं की अनुपस्थिति के कारण जनता की अदालत में इस मुकदमे को शायद ही सफलता मिलेगी.
चीन के जानकारों का कहना है कि देश में भ्रष्टाचार का पैमाना 44 लाख डॉलर के उस मामले से कहीं ज्यादा है, जिसका आरोप बो जैसे बड़े नेताओं पर लगाया जाता है. जिनान की अदालत ने मुकदमे की सुनवाई पर जो रिपोर्ट दी है उसमें दूसरे नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की चर्चा नहीं हुई है. यह साफ नहीं है कि अदालत ने उन्हें सेंसर कर दिया है या अधिकारियों ने बो के साथ उनका जिक्र न करने का समझौता किया है. सरकारी मीडिया ने बो की दलीलों को नकार दिया है और सरकारी समाचार एजेंसी ने बो की रक्षा दलीलों की सरसरी चर्चा की है.
बो ने हमेशा ही आम चीनी नेताओं के विपरीत खुलापन दिखाया है. उन्होंने सामूहिक साम्यवादी गाने गाने के आदेश देकर चीन में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई के बीच लोगों के असंतोष को भुनाने की कोशिश की. अदालत में भी वे दिलेर और करिश्माई नेता की अपनी छवि पर कायम रहे. उन्होंने उनके खिलाफ गवाही देने वाली पत्नी को पागल बताया और अपना दायां हाथ रहे पुलिस प्रमुख वांग लीयुन की गवाही को झूठ और धोखाधड़ी का पुलिंदा.
जिनान की अदालत ने कहा है कि मुकदमे का फैसला बाद में सुनाया जाएगा. चीनी कानून के तहत 16,000 डॉलर से ज्यादा की रिश्वतखोरी के मामलों में मौत की सजा की प्रावधान है. अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा है, "अभियुक्त का अपराध अत्यंत गंभीर है. उसने आरोपों से इंकार किया है, लेकिन सजा को कम करने की कोई परिस्थितियां नहीं हैं." अपनी अंतिम भावनात्मक दलील में बो ने कहा, "मैं जेल में होने के गहरे प्रलय में फंसा हूं. बहुत तरह भावनाएं मुझे तंग कर रही हैं, मेरे पास सिर्फ मेरी बाकी जिंदगी बची है. मैंने अहम गलतियां की हैं. मैं पार्टी और लोगों के प्रति कसूरवार महसूस कर रहा हूं."
अमेरिका की मिशीगन यूनिवर्सिटी में चीनी कानून के विशेषज्ञ निकोलस हॉसन का कहना है, "मैं समझता हूं कि केंद्रीय राजनीतिक और कानूनी संस्थाएं उच्च पैमाने का खुलापन और पारदर्शिता दिखाना चाहते थे, साथ ही वे संदेशों का कड़ा नियंत्रण कर रहे थे." मुकदमे ने बो को प्लेटफॉर्म जरूर दिया है लेकिन चेंग का कहना है कि अधिकारियों ने जरूर सोचा होगा कि उन्हें ज्यादा समर्थन नहीं मिलेगा. मुकदमे के अंत में अदालत के वाइबो अकाउंट पर छह लाख लोग फॉलोअर थे. हालांकि उनकी टिप्पणियां इस मुद्दे पर विभाजित थीं.
एमजे/एएम (डीपीए, एएफपी)