मिलिए फेमिनिस्ट पुरुषों से
महिलाएं अब भी कई समाजिक और राजनीतिक दायरों में समान प्रतिनिधित्व नहीं पा सकी हैं. लैंगिक बराबरी के लंबे संघर्ष के दौरान दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित और प्रभावशाली पुरुष भी महिलाओं के साथ आये. मिलिए इन फेमिनिस्ट पुरुषों से.
जस्टिन ट्रूडो, कनाडा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नवंबर 2015 में पद संभालने के साथ ही कुछ ठोस संदेश भी दे दिए. जिनमें से एक था लैंगिक बराबरी का संदेश. अपने मंत्रिपरिषद में उन्होंने महिलाओं और पुरुषों को बराबर बराबर संख्या में रखा.
दलाई लामा, तिब्बत
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कभी कहा था, “मैं खुद को एक फेमिनिस्ट कहूंगा. क्या ये उन लोगों को नहीं कहा जाता जो महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ते हैं?” नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा चीन पर तिब्बत में धार्मिक दमन और तिब्बती संस्कृति को नष्ट करने के आरोप लगाते हैं.
फ्रांसोआ ओलांद, फ्रांस
जब बात अपनी कैबिनेट में महिला और पुरुष नेताओं में बराबरी की हो, तो फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद का नाम भी आएगा. ऐसे ही कदम उठा कर चिली में राष्ट्रपति मिशेल बाखेलेट ने भी दुनिया के सामने मिसाल कायम की थी.
मातेयो रेन्सी, इटली
फरवरी 2014 से दिसंबर 2016 तक इटली के प्रधानमंत्री रहे रेन्सी देश के इतिहास के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने. वे लैंगिक समानता को राजनीतिक एजेंडे में तो जरूर लाये लेकिन सांसदों को उनसे और ज्यादा उम्मीदें थीं. फिर भी उनके कार्यकाल में संसद में 30 फीसदी महिला सांसद थीं, जो कि एक रिकॉर्ड था.
खोसे लुई रोड्रिगेज जापाटेरो, स्पेन
2008 में जापाटेरो ने दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने पर अपने लिए एक महिला-बहुल कैबिनेट चुनी. लैंगिक समता के मुद्दे पर हमेशा से मुखर रहे जापाटेरो 2004 में ही कह चुके हैं, "मैं केवल एंटी-माचोवादी ही नहीं हूं, मैं एक फेमिनिस्ट हूं."
अमिताभ बच्चन, भारत
अभिनय की दुनिया के एक लेजेंड बन चुके अमिताभ बच्चन ने कई सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं. लेकिन लैंगिक समानता का मुद्दा उनके दिल के करीब माना जाता है. वे यूएन के बालिका विकास कार्यक्रम में दूत भी हैं और अपने सोशल मीडिया संदेशों में फेमिनिज्म का समर्थन करते दिखते हैं.
फरहान अख्तर और राहुल बोस
क्या आप जानते हैं कि लोकप्रिय कैंपेन मर्द (MARD- Men Against Rape and Discrimination) बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक और लेखक फरहान अख्तर ने ही शुरू किया था. वह कहते हैं, “लैंगिक हिंसा और भेदभाव कोई महिलाओं का मुद्दा नहीं बल्कि पुरुषों का भी है. राहुल बोस भी एक फेमिनिस्ट अभिनेता हैं.
हरीश अय्यर, मानवाधिकार कार्यकर्ता
सामाजिक कार्यकर्ता अय्यर ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर फेमिनिज्म के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की है. खुद एक समलैंगिक मानवाधिकार कार्यकर्ता हरीश, समलैंगिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं.