1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कमजोर उम्मीदवार से हारे ताकतवर राष्ट्रपति

२४ सितम्बर २०१८

मालदीव में विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलीह ने राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को शिकस्त दे दी है. भारत और श्रीलंका ने सोलीह को जीत पर बधाई दी है.

https://p.dw.com/p/35No7
Malediven Ibrahim Mohamed Solih, Präsidentschaftskandidat
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Sharuhaan

भारत और श्रीलंका जैसे पड़ोसियों की तरफ से बधाई संदेश मिलने के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार.. माननीय सोलीह ने 134,616 वोट पाकर चुनाव जीत लिया है." मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी पूर्व राष्ट्रपति नशीद की पार्टी है जो अभी श्रीलंका में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं.

राष्ट्रपति यामीन ने रविवार को हुए चुनाव नतीजों के बारे में निजी रूप से अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. चुनाव से पहले उनके मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी या तो जेल में थे या फिर निर्वासन में. आलोचक उन पर मीडिया को अपने पक्ष में करने का आरोप भी लगाते हैं.

चुनाव आयोग की तरफ से जारी परिणाम बताते हैं कि कमजोर समझे जा रहे विपक्ष के साझा उम्मीदवार सोहील 58.33 प्रतिशत वोटों के साथ स्पष्ट विजेता हैं. दूसरी तरफ यामीन को 41.7 प्रतिशत वोट यानी 96,132 मत मिले हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि आधिकारिक नतीजों का एलान सात दिन बाद होगा. लेकिन सरकारी मीडिया में भी सोलीह को अपनी जीत की घोषणा करते हुए दिखाया गया है जबकि चुनाव से पहले उसने सोहील को ज्यादा कवरेज नहीं दी थी.

अमेरिकी विदेश विभाग ने यामीन से कहा है कि वह "लोगों की इच्छा का सम्मान करें." भारत सोलीह को बधाई देने वाला पहला देश था. क्षेत्र में अपना प्रभाव कायम करने के लिए भारत और चीन में प्रतिद्ंवद्विता है. यामीन का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा था जबकि सोलीह को भारत समर्थक बताया जाता है.

लगभग सवा चार लाख की आबादी वाला मालदीव दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है और उसका क्षेत्रफल लगभग तीन सौ वर्ग किलोमीटर है. लेकिन अपने नीले पानी वाले तटों की वजह से मालदीव दुनिया भर के सैलानियों को अपनी तरफ खींचता है. हालांकि राजनीतिक स्थिरता के लिहाज से मालदीव में पिछले कुछ साल बेहद उथल पुथल वाले रहे हैं.

सोलीह ने अपनी जीत की घोषणा करते हुए कहा, "यह खुशी का पल है, उम्मीद का पल है और इतिहास का पल है. हममें से बहुत से लोगों के लिए यह मुश्किल सफर था. सफर जो हमें जेल की कोठरियों या फिर निर्वासन में ले गया."

54 साल को सोलीह को दो मुख्य राजनीतिक पार्टियों और जेल की सजा काट रहे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम का समर्थन हासिल था. पूर्व राष्ट्रपति और फिलहाल श्रीलंका में रह रहे एमडीपी पार्टी के नेता मोहम्मद नशीद ने भी सोलीह को बधाई संदेश भेजा है.

एके/एनआर (एपी, डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी