मलबा मिला, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर की तलाश
३ जून २००९ब्राज़ील सरकार की इस घोषणा के बाद एयर फ्रांस के विमान में सवार यात्रियों के परिजनों की रही सही आस भी टूट गई है. ब्राज़ील के रक्षा मंत्री नेल्सन जोबिम ने रियो डी जनेरियो में बताया कि मलबे में जहाज के टूटे हुए पुर्ज़े और सीटें शामिल हैं और इस बात में कोई शक नहीं है कि यह मलबा एएफ-447 का है.
जोबिम के मुताबिक मलबा पांच किलोमीटर की दूरी तक बिखरा हुआ था और विमान उसी जगह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. तीन समुद्री जहाज अब भी खोज में लगे हुए हैं. समुद्र की गहराइयों रोबोटिक पनडुब्बियों के ज़रिए विमान के नारंगी रंग के ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर की तलाश की जा रही है.
ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर में उन आखिरी पलों की जानकारी होगी जब विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ. ब्राजील की वायुसेना के प्रवक्ता होर्गे अमरल पहले ही कह चुके हैं कि मलबे से संकेत मिले कि विमान ने वापस ब्राजील की ओर मुड़ने की कोशिश की होगी. हालांकि दुर्घटना के कारणों के बारे में अब भी कयास ही लगाए जा रहे हैं.
इस बीच फ्रांस में मातम का माहौल है. ब्राजील में भी यात्रियों के चिंतित रिश्तेदारों के लिए रियो शहर में होटलों का बंदोबस्त कर दिया गया है जहां डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक भी उनकी सहायता के लिए तैयार हैं.
ब्राजील की वायु सेना ने मंगलवार को बताया की उन्हें ब्राजील के उत्तरी छोर से करीब 650 किलोमीटर की दूर विमान का मलबा दिखाई पड़ा है. मलबे में विमान की एक सीट भी है. वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि मलबे के पास ही विमान का ईंधन भी समंदर में तैर रहा है.
मंगलवार सुबह ही ब्राजील के एक पायलट ने बताया था कि उसने अटलांटिक महासागर में कोई चमकती हुई चीज़ देखी है. जिसके बाद उस जगह की काफी छानबीन की गई और आखिरकार मलबा वहीं मिला है. फ्रांस के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि इस दुर्घटना में किसी के भी जीवित बचने की संभावना न के बराबर है.
फ्रांस के विमान हादसे ने हवाई हादसों की जांच करने वाले विशेषज्ञों को अब भी हैरत में डाल रखा है. जानकारों का कहना है कि 80 फीसदी हवाई हादसे उड़ान भरते वक्त या उतरते वक्त होते हैं कि लेकिन एयर फ्रांस के साथ बीच हवा में आखिर क्या हुआ, यह सबके लिए हैरत भरा सवाल बना हुआ है.
एयरफ्रांस के मुताबिक हादसे का शिकार हुए विमान को बेहद अनुभवी पायलट उड़ा रहे थे. एयर फ्रांस के मुताबिक विमान के कॉकपिट में सवार 58 साल के पायलट को 21 साल और 11,000 घंटे विमान उड़ान का अनुभव था. एयर फ्रांस का भी कहना है कि विमान आकाशीय बिजली को भी झेल सकता था. इस हादसे पर अफसोस जताते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने कहा कि यह एयर फ्रांस के इतिहास का सबसे बड़ा विमान हादसा है.
रिपोर्ट - एजेंसियां, एम गोपालकृष्णन
संपादन - एस गौड़