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मनमोहन मुंबई में, हमलावरों का पता नहीं

१४ जुलाई २०११

मुंबई हमलों के बाद न तो किसी ने इनकी जिम्मेदारी ली है और न ही पुलिस को इस बारे में कोई सुराग मिल पाया है. इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हमलों के बाद की स्थिति की जायजा लेने मुंबई पहुंचे हैं.

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तस्वीर: dapd

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुंबई में धमाकों के पीड़ितों और उनके परिजनों से मिलने गुरुवार को वहां हैं. वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिल कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी प्रधानमंत्री के साथ मुंबई गई हैं.

प्रधानमंत्री ने धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को दो लाख और गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये देने का एलान किया है. उधर महाराष्ट्र सरकार मृतकों के परिवारों को पांच लाख और घायलों को पचास लाख रुपये का मुआवजा देगी.

भारतीय जांचकर्ताओं ने बुधवार को हुए तीन धमाकों की जांच शुरू कर दी है जिनमें 18 लोग मारे गए और 131 घायल हो गए. अभी तक किसी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन जानकारों का कहना है कि भारतीय उग्रवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन इस तरह के हमले करता रहा है.

भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अभी किसी भी गुट को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा. इस सिलसिले में भारत विरोधी सभी गुटों की पड़ताल की जा रही है. इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता जिसे 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. 26/11 हमलों में 166 लोग मारे गए थे.

कुछ जानकार इस बात से भी इनकार नहीं करते कि बुधवार को हुए हमले के पीछे भारतीय कश्मीर में आजादी के लिए लड़े रहे गुटों का हाथ भी हो सकता है. माओवादी उग्रवादी और स्थानीय माफिया का भी इसमें हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता.

गृह मंत्री चिदंबरम ने माना कि मुंबई में ताजा धमाकों से पहले किसी तरह की ऐसी कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने इसे पूरे तालमेल के साथ किया गया हमला बताया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः महेश झा

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