1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मंगेतर की याद और खेलने की हिम्मत

२५ मई २०११

आठ दिन पहले ब्रेन ट्यूमर से मंगेतर की मौत के बावजूद फ्रांसीसी खिलाड़ी वर्जिनी रजानो फ्रेंच ओपन में उतरीं. वह मैच तो हार गईं लेकिन उनके जज्बे ने लोगों का दिल जीत लिया. इसके बाद वह खुद पर काबू नहीं रख पाईं.

https://p.dw.com/p/11NZO
तस्वीर: AP

मैच खत्म होने के बाद वह फूट फूट कर रोने लगीं. रजानो के मंगेतर स्टीफान फिटल ही उनके कोच भी थे. उन्होंने रजानो को टेनिस के मैदान में उतारा और कामयाबियों तक पहुंचाया. लेकिन खुद फिटल ब्रेन ट्यूमर के शिकार थे और पिछले हफ्ते सिर्फ 32 साल की उम्र में गुजर गए.

इसके बावजूद रजानो के दिल पर पत्थर रखकर कोर्ट में उतरने का फैसला किया. ऑस्ट्रेलिया की जार्मिला गोजदाजोवा को पूरी टक्कर दी और खेल एक जज्बाती मोड़ पर आकर खत्म हुआ. रजानो 3-6, 1-6 से हार गईं लेकिन गोजदाजोवा ने उनके कंधे पर हाथ रखा. उन्हें सांत्वना दी और फ्रेंच ओपन में जमा लोगों ने तालियों से उनका स्वागत किया.

मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में रजानो आंसू नहीं रोक पाईं, "अपने अपनी पूरी हिम्मत को जमा किया. मेरे पास बहुत हिम्मत भी नहीं है. मैं खुद को बहुत नाजुक समझती हूं. मैं अकेली महसूस करती हूं. मेरे आस पास बहुत से लोग मेरा समर्थन करने के लिए मौजूद हैं और शायद उसी से मुझे इतनी शक्ति मिली कि मैं एक एक कदम आगे बढ़ा सकती हूं."

फिटल ने कैंसर के आगे घुटने नहीं टेके थे. उसने बहुत संघर्ष किया था. लेकिन इस एकतरफा लड़ाई में उसकी हार तो तय थी ही. पिछले सोमवार को वह हार गया. रजानो का कहना है, "स्टीफान में बहुत हिम्मत थी, बहुत शक्ति थी. हम दोनों ने मिल कर जीवन बिताने की बहुत कोशिश की." बहुत भावुक हो उठीं रजानो ने बताया कि वह एक चेन पहनती हैं, जो खुद उन्होंने फिटल को दिया था लेकिन उनके जाने के बाद वह उसे अपने से अलग नहीं करना चाहतीं. प्रेस कांफ्रेंस में भी वह इस चेन को पहने हुए ही आईं. रजानो ने कहा, "कुछ साल पहले मैंने स्टीफान को वैलेंटाइंस डे पर यह चेन दिया था. उसने आखिरी सांस तक यह चेन पहना. अब यह उसकी निशानी है. हैं हमेशा यह पहनती हूं."

रजानो ने कहा कि दुख के इस बादल के बाद भी वह टेनिस खेलना जारी रखेंगी, "मुझे अब बर्मिंघम ओपन में खेलना है. मैंने विम्बलडन तक की तैयारी स्टीफान के साथ मिल कर की थी. मुझे तो खेलना ही है."

एक बार फिर आंसुओं के बीच उन्होंने बताया, "मैंने उससे कहा था कि मैं विम्बलडन के बाद तुम्हारे पास आ जाऊंगी. तब उसने कहा था कि देखते हैं. मुझे लगता है कि उसे कुछ आभास हो गया था. हालांकि उसने कहा था कि मुझे रोलां गैरो और विम्बलडन में खेलना ही है."

रजानो को हराने वाली गोजदाजोवा भी पारिवारिक परेशानी के बीच कोर्ट पर उतरीं. हाल ही में उनका तलाक हो गया है. पिछले साल शादीशुदा गोजदाजोवा ने चौथे दौर में प्रवेश किया था. इस बार दूसरे दौर में पहुंचने के बाद उन्होंने कहा, "मैंने रजानो से कहा कि मुझे बहुत दुख है कि वह हार गईं लेकिन उन्होंने जो हिम्मत दिखाई है, वह अद्वितीय है. वह कोर्ट पर आई और जम कर खेली. सिर्फ कुछ ही दिनों की बात है."

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें