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भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ती वेबसाइट

Priya Esselborn२८ जून २०१२

भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की लड़ाई अभी चल ही रही है. एक और एशियाई देश इंडोनेशिया में भी भ्रष्टाचार का मसला इन दिनों खूब गर्म है. लेकिन वहां लड़ाई एक वेबसाइट के जरिए लड़ी जा रही है.

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तस्वीर: DW

इस वेबसाइट में भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और लोगों का विवरण प्रकाशित किया गया है. इस बेवसाइट के संस्थापकों का कहना है कि इंडोनेशिया एशिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक है. कॉर्पेडिया डॉट ओआरजी नाम की इस वेबसाइट में अब तक भ्रष्टाचार के 108 दोषियों के नाम और विवरण प्रकाशित किए गए हैं.

Indonesien Bali Außenministerkonferenz der Blockfreien Staaten Präsident Susilo Bambang Yudhoyono
राष्ट्रपति सुसील बाम्बंगतस्वीर: dapd

जबसे ये शुरू हुई है तब से 20 लाख लोग इसे देख चुके हैं. कुछ इसी तरह का प्रयास भारत में भी दो साल पहले किया गया था. बैंगलोर में शुरु की गई इस वेबसाइट का नाम आईपेडब्राइब डॉट कॉम है.

इंडोनेशिया में वेबसाइट बनाने वाले सुवान्दी अहमद कहते हैं, ''जब से हमने ये वेबसाइट शुरु की है तब से करीब 20 लाख लोग इसे देख चुके हैं. इनमें से ज्यादातर जकार्ता से हैं.'' इंडोनेशिया करप्ट वॉच चलाने वाले और वेबसाइट के संस्थापकों में से एक दानंग वाइडोयोको कहते हैं, ''हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वेबसाइट को हैंग करने की कोशिश में लगे हैं. जब अखबार में भ्रष्टाचार की कोई खबर छपती है तो वो एक दिन के लिए ही होती है लेकिन हमारी वेबसाइट पर तो आंकड़े हमेशा के लिए ही रहते हैं.''

कॉर्पेडिया डॉट ओआरजी में भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के नाम चेहरे समेत प्रकाशित किए जाते हैं. यह भी बताया जाता है कि उन्हें कितनी और किस किस मद में सजा हुई है. दानंग वाइडोयोको के मुताबिक ये वेबसाइट लोगों को सामजिक सजा देने का काम करती है और ऐसा माहौल बनाती है जिससे देश में भ्रष्टाचार की संस्कृति को समाप्त किया जा सके. पिछले साल इंडोनेशिया में एक सर्वे किया गया था जिसके मुताबिक इंडोनेशिया के 91 फीसदी लोग मानते है कि सरकार में भ्रष्टाचार है. 2006 में 84 फीसदी लोग मानते थे कि इंडोनेशिया में भ्रष्टाचार है. यहां तक कि राष्ट्रपति सुसील बाम्बंग ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के मुद्दे पर दो बार चुनाव में जीत हासिल की है लेकिन उनके आलोचक मानते हैं कि वो इसमें कामयाब नहीं हुए हैं.

वीडी/ओएसजे (एएफपी)