भीड़ से संकट
दिल्ली हो या न्यूयॉर्क, बीजिंग या बर्लिन, भीड़ भाड़ वाली जगहों पर हमेशा भगदड़ का खतरा बना रहता है. यदि इस पर ध्यान दिया जाए तो भगदड़ से होने वाली मौतों पर रोक लगाई जा सकती है.
नए साल पर मातम
पश्चिम अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट की अबीजान में नए साल के जश्न के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई. नए साल के स्वागत में लोग आतिशबाजी देखने के लिए जमा हुए थे.
कुंभ में भगदड़
कुंभ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च किये लेकिन फिर भी 36 श्रद्धालुओं को बेमौत मरने और 50 से अधिक को घायल होने से बचाया नहीं जा सका.
जिम्मेदार कौन?
इलाहबाद रेलवे स्टेशन और संगम पर तैनात पुलिसवालों में संपर्क ना होने के कारण रेलवे अधिकारी ट्रेनों के बारे में एलान करते रहे और लोग संगम से स्टेशन में भरने लगे. इसके बाद भगदड़ मच गई.
खचाखच भरे मेट्रो स्टेशन
इस तरह के हादसे किसी भी भीड़ भाड़ वाले स्टेशन पर हो सकते हैं. दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों से रोज लाखों लोग गुजरते हैं.
जापान ने ढूंढा हल
आईटी एक्सपर्ट कंप्यूटर के जरिए जापान के ट्रेन स्टेशनों की भीड़ पर नजर रखते हैं. एक खास सिम्युलेशन प्रोग्राम की मदद से आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है ताकि भगदड़ ना मचे.
लव परेड में मौत
2010 में जर्मन शहर डुइसबुर्ग में सालाना लव परेड हुई. अनुमान लगाया गया कि फेस्टिवल में ढाई लाख लोग शामिल होंगे, लेकिन दस लाख से ज्यादा लोग आ गए भगदड़ मची और 21 लोग मारे गए.
भीड़ का मजा
यदि आयोजन ठीक से हों तो भीड़ का भी मजा लिया जा सकता है. लव परेड पहले बर्लिन में हुआ करती थी और कभी किसी तरह का हादसा नहीं हुआ.
भीड़ में मस्ती
ब्राजील में वर्ल्ड यूथ डे के मौके पर भी लाखों लोग जमा हुए और भीड़ में जम कर मस्ती की.