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भारतीय लड़की ने न्यूयॉर्क पर मुकदमा किया

३० मई २०११

एक भारतीय राजनयिक की बेटी ने न्यूयॉर्क शहर पर 15 लाख डॉलर यानी करीब सात करोड़ रुपये का मुकदमा ठोक दिया है. कृतिका बिस्वास को पुलिस ने टीचर को अश्लील ईमेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था जबकि गिरफ्तारी सही नहीं थी.

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तस्वीर: Donald Swartz/Fotolia

कृतिका बिस्वास भारतीय कांसुलेट में वाइस काउंसल के पद पर तैनात देबाशीष बिस्वास की बेटी हैं. वह क्वीन्स जॉन ब्राउन हाई स्कूल में पढ़ती हैं. उनका कहना है कि न सिर्फ उन्हें गलत वजह से गिरफ्तार किया गया बल्कि हिरासत में उनके साथ खराब व्यवहार हुआ. बिस्वास का आरोप है कि उन्हें लंबे समय तक बाथरूम का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया. उन्होंने बताया, "बाद में मुझे सबके सामने बाथरूम जाना पड़ा."

"कानूनन गलत"

कृतिका बिस्वास के वकील राजीव बतरा ने बताया कि 8 फरवरी को उन्हें 24 घंटे से ज्यादा वक्त के लिए हिरासत में रखा गया जो अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ साथ संघीय, प्रादेशिक और शहर के कानूनों का भी उल्लंघन है. बतरा ने कहा कि गिरफ्तारी के बारे में न देबाशीष बिस्वास को सूचना दी गई, न ही भारत के काउंसल जनरल प्रभु दयाल को.

बतरा ने दावा किया कि 18 साल की बिस्वास को राजनयिक सुरक्षा प्राप्त है, जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. हालांकि भारत के काउंसल जनरल ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें बताया कि राजनयिकों के परिवारों को राजनयिक सुरक्षा नहीं मिलती.

अपराधी कोई और निकला

गिरफ्तारी के बाद पता चला कि बिस्वास ने वे अश्लील ईमेल नहीं भेजे थे. अपराधी के पकड़े जाने के बाद स्कूल ने भी उन्हें वापस ले लिया. कृतिका कहती हैं, "उन्होंने बिना किसी वजह के मुझे गिरफ्तार कर लिया. स्कूल ने उस चीनी बच्चे को सस्पेंड नहीं किया जिसने ईमेल भेजे थे. उसे गिरफ्तार भी नहीं किया गया जबकि प्रिंसिपल ने मेरी गिरफ्तारी के लिए जोर डाला था."

बिस्वास ने बताया कि एक पुलिसवाले ने उन्हें जुर्म कबूल न करने पर सेक्स वर्करों और एचआईवी संक्रमित लोगों के साथ जेल में रखने की धमकी दी थी.

इस बारे में न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने कोई टिप्पणी नहीं की है.

दयाल कहते हैं कि कृतिका मुआवजे की हकदार हैं. उन्होंने कहा, "वह शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से गुजरी है. इस बात ने उसे सारी उम्र के लिए डरा दिया है." हालांकि दयाल ने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय अधिकारियों के गलत व्यवहार से भारत अमेरिकी संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा.

रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार

संपादनः उभ

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