भारतीय नौसेना ने 23 समुद्री लुटेरों को पकड़ा
१४ दिसम्बर २००८शनिवार को सुबह के लगभग 11 बजे भारतीय नौसेना के विध्वंसक जहाज आईएनएस मैसूर को एक इथियोपियाई व्यापारिक जहाज एमवी जिबे की ओर से आपदा संदेश मिला, जिसमें कहा गया था कि अदन से 150 नॉटिकल मील दूर अदन की खाड़ी में उस पर एक बड़ी नाव तथा एक छोटी नाव की ओर से हमला किया जा रहा है. संदेश मिलते ही एक चेतक हेलीकॉप्टर, जिसमें चार कमांडो सवार थे, इथियोपियाई जहाज की मदद के लिए रवाना कर दिया गया. उस समय यह जहाज आईएनएस मैसूर से 13 नॉटिकल मील की दूरी पर था.
जिस समय चेतक वहां पहुंचा, उस समय इथियोपियाई जहाज और लुटेरों के बीच गोलीबारी चल रही थी. हेलीकॉप्टर को देखते ही लुटेरों ने भागने की कोशिश की लेकिन तब तक आईएनएस मैसूर भी वहां पहुंच गया. उस समय लुटेरे अपनी छोटी नाव छोड़कर बड़ी नाव पर चढ़ चुके थे.
आईएनएस मैसूर की तरफ़ से उस पर मशीनगनों से गोलियां बरसाई गयीं. इसके बाद नौसेना के कमांडो लुटेरों की नाव पर चढ़ गए और उन्होंने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार लुटेरों में 12 सोमालिया और 11 यमन के नागरिक हैं. इनके पास से एके 47 राइफलें, ग्रेनेड और गोलाबारूद भी बरामद हुआ. अब इन पर अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत मुकदमा चलाया जायेगा.
सोमालिया के आस पास समुद्र में इन लुटेरों ने इस साल अब तक 100 से अधिक जहाजों पर हमला किया है. कम से कम 17 जहाज और उनके कर्मचारी अभी भी लुटेरों के कब्जे में हैं क्योंकि उनको छोड़ने के बदले में लाखों रुपये की फिरौती मांगी जा रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय अब यह पता कर रहा है कि गिरफ्तार लुटेरों को किस देश को सौंपा जाए.