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भारत में फिरकी नापेगी बल्ले का जोर

१५ फ़रवरी २०११

वर्ल्ड कप में ज्यादातर विकेट इस तरह बनाए गए हैं कि बल्लेबाज हावी हो सकें, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पूरी तरह से बल्ला ही बोलेगा. स्पिन गेंदबाजों के लिए भी विकेटों में बहुत कुछ है, जरूरत है बस प्रतिभा दिखाने की.

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इडेन गार्डन्सतस्वीर: Prabhakar Mani Tiwari

वर्ल्ड कप क्रिकेट यानी उप महाद्वीप में राष्ट्रीय त्योहार. विदेशी खिलाड़ी भी यहां क्रिकेट की दीवानगी देखकर हैरान हैं. यहां विश्व के जाने माने क्रिकेट स्टेडियम हैं और भारत में तो किसी भी स्टेडियम का माहौल देखते ही बनता है.

इडेन गार्डेन, कोलकाता

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने कोलकाता के इडेन गार्डेन के बारे में कहा है कि यहां खेलना एक अलग अनुभव है. एक लाख लोगों के बीच प्रदर्शन करना अद्भुत है. पोंटिंग के अनुसार हर युवा खिलाड़ी को इडेन गार्डेन पर खेलना चाहिए.

इडेन गार्डेन से क्रिकेट की कई यादें जुड़ी हैं. क्रिकेट के कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है कोलकाता का इडेन गार्डेन. टेस्ट में यहां भारत ने कई यादगार जीत हासिल की हैं, जिसमें 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फॉलोऑन खेलने के बावजूद भारत ने जीत दर्ज की थी.

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तस्वीर: Prabhakar Mani Tiwari

1996 के वर्ल्ड कप में कोलकाता के इस तारीखी मैदान पर कलंक लग गया. भारत और श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच के दौरान अचानक पिच का मिजाज बदला और देखते ही देखते भारत के आठ बल्लेबाज पैवेलियन लौट गए. सेमीफाइनल में भारत को हार के करीब देखकर लोगों ने इस कदर हंगामा किया कि मैच पूरा न हो सका. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने इडेन गार्डेन पर प्रतिबंध लगा दिया.

इडेन गार्डेन की पिच बल्लेबाजों के साथ साथ कुछ हद तक स्पिनरों के लिए भी मददगार है. ग्राउंड लंबा है और आउटफील्ड तेज. वर्ल्ड कप के लिए पिच को इस तरह बनाया गया है कि यहां जमकर रन बनेंगे और बल्लेबाजों का दबदबा रहेगा.

चिन्नास्वामी स्टेडियम बैंगलोर

चिन्नास्वामी स्टेडियम बैंगलोर को जब वर्ल्ड कप के साथ जोड़ा जाता है तो 1996 वर्ल्ड कप का भारत पाकिस्तान क्वार्टर फाइनल मैच याद आता है. चिन्नास्वामी में इस वर्ल्ड कप के अहम मैच होने है. इसकी क्षमता 40,000 है. यहां भी पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार साबित होगी, लेकिन स्पिनरों के लिए भी यहां बहुत कुछ होगा.

हाल ही में भारत और ऑस्ट्रलिया के बीच खेले गए वर्ल्ड कप वॉर्म अप मैच में भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने प्रभावी प्रदर्शन करके भारत को मैच जिताया.

वानखेडे स्टेडियम, मुंबई

मुंबई को भारत की क्रिकेट राजधानी कहा जाता है और इस राजधानी का केंद्र है वानखेडे स्टेडियम. वानखेडे स्टेडियम भारत के सबसे पुराने मैदानों में है. वर्ल्ड कप 2011 के लिए इसे नए सिरे से सजाया गया है. जहां तक विकेट का सवाल है तो यहां शुरुआती ओवरों में गेंदबाजों को स्विंग मिलेगी, लेकिन बाद में यह बल्लेबाजी के लिए आदर्श विकेट होगा. बीच के ओवरों में स्पिनरों को भी मदद मिलेगी.

चेपक, चेन्नई

चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम, चेपक के लिए कहा जाता है कि यहां भारत के क्रिकेट की आत्मा बसती है. यहां के दर्शकों के लिए कहा जाता है कि वे क्रिकेट की बेहतरीन समझ रखते हैं. 1997 में जब पाकिस्तान के बल्लेबाज सईद अनवर ने भारत के खिलाफ 194 रनों की पारी खेली थी तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था.

चेपक की पिच भी अन्य भारतीय पिच की तरह है. यहां बल्लेबाज खुलकर अपने स्ट्रोक खेल सकते हैं, लेकिन स्पिनरों के लिए भी यहां अपनी काबिलियत दिखाने का मौका होता है.

प्रेमदासा स्टेडियम, कोलंबो

कोलंबो का प्रेमदासा स्टेडियम टेस्ट और वनडे क्रिकेट में बड़े स्कोर के लिए जाना जाता है. श्रीलंका ने इसी मैदान पर भारत के खिलाफ टेस्ट मैच में 952 रनों का विशाल स्कोर बनाया था. कहा जा सकता है कि श्रीलंका क्रिकेट में इतिहास प्रेमदासा स्टेडियम का अहम स्थान है. यहां की पिच यूं तो रनों से भरपूर है, लेकिन कई बार यहां स्पिन गेंदबाजों ने अपने दम पर मैच जिताए हैं. शुरुआती ओवरों में स्विंग गेंबाजों को सफलता मिल सकती है.

रिपोर्टः शराफत खान

संपादनः ए जमाल

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