1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"भारत नहीं करता तालिबान की मदद"

२७ अक्टूबर २००९

भारत ने साफ़ शब्दों में कहा है कि वह तालिबान और तालिबानीकरण का साथ नहीं देता. पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारत तालिबान को मदद दे रहा है, जिसे भारत ने ख़ारिज कर दिया है.

https://p.dw.com/p/KG1K
कृष्णा ने दावा किया ख़ारिजतस्वीर: AP

भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने साफ़ और कड़े शब्दों में पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक के इस दावे को ख़ारिज कर दिया है. उन्होंने बैंगलोर में कहा कि मैं इस बात को ख़ारिज करता हूं. मेरे विचार से हमें तालिबान और तालिबानीकरण से पूरी तरह निजात पाना ज़रूरी है.

Pakistans Innenminister Rehman Malik auf PK zum Tod des Talibanführers Mehsud
रहमान मलिक का आरोपतस्वीर: AP

इससे पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने भारत पर तालिबान को आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पक्का यक़ीन है कि भारत उनके देश पाकिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है और इस काम के लिए वह तालिबान की मदद कर रहा है. मलिक ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि भारत उन चुनिंदा देशों में है, जिनका पाकिस्तान के प्रति नफ़रत भरा रवैया है. ये लोग नहीं चाहते कि पाकिस्तान स्थिर रहे. उन्होंने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहा था कि अगर भारत के गृह मंत्री या कोई और मंत्री इस मुद्दे पर बहस करना चाहें, तो वह तैयार हैं क्योंकि उन्हें पता है कि वह क्या कह रहे हैं.

पाकिस्तान ने पहले भी भारत पर इस तरह के इलज़ाम लगाए हैं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक ने इस बात को ख़ारिज कर दी है. प्रधानमंत्री सिंह पहले कह चुके हैं कि भारत चाहता है कि उसके पड़ोस में शांति रहे, तभी इलाक़े में शांति रह सकती है.

किसी ज़माने में पाकिस्तान पर अपनी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की मदद से तालिबान को मदद देने के आरोप लगते थे. हालांकि नाइन एलेवन के हमलों के बाद वह आतंकवाद के ख़िलाफ़ अमेरिकी युद्ध में शामिल हो गया. फिर भी आईएसआई जैसी संस्थाओं पर अब भी सवाल उठते रहते हैं. काबुल में भारतीय दूतावास पर दो बार हुए हमले और ईरान में पिछले हफ़्ते हुए ख़ुदकुश हमले में भी आईएसआई का नाम आया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एस गौड़