ब्लेड रनर की कहानी
ब्लेड रनर के नाम से मशहूर विकलांग धावक ऑस्कर पिस्टोरियस की पेशेवर जिंदगी जितनी सफल रही, निजी जिंदगी उतनी ही विवादित. एक नजर इस खिलाड़ी के बेहद सफल और कुछ हद तक विवादास्पद खेल करियर पर.
एथेंस में लंबे कदम
17 साल की नाजुक उम्र में ऑस्कर पिस्टोरियस रेस ट्रैक पर धमाके के साथ उतरे. जल्द ही उन्होंने "ब्लेड रनर" का खिताब अर्जित कर लिया और इसके बाद वह अपने क्षेत्र में रिकॉर्ड के बाद रिकॉर्ड बनाते गए. 17 साल की उम्र में पिस्टोरियस ने 2004 में पैरालंपिक में 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने इस स्पर्धा में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. यह उनके करियर की पहली बड़ी उपलब्धि थी.
उचित या अनुचित लाभ?
उनकी कामयाबी, हालांकि सामान्य रूप से यह भी बहस से शुरू हुई कि क्या जे आकार वाले प्रोस्थेटिक पैर पिस्टोरियस के लिए एक अतिरिक्त लाभ हैं. 2007 में उन्होंने अतिरिक्त परीक्षण के लिए जर्मनी की यात्रा की. रिसर्चरों ने पाया कि प्रोस्थेटिक्स को पूरी गति में पहुंचने के लिए 25 फीसदी कम ऊर्जा की जरूरत होती है. आईएएएफ की तरफ से तकनीक के निलंबन के बाद पिस्टोरियस ने खेल की अदालत में अपील दायर की.
बीजिंग में कामयाबी
रेसिंग ट्रैक पर दक्षिण अफ्रीका का बोलबाला जारी रहा. चीन के बीजिंग में 2008 के पैरालंपिक में उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया. 100, 200 और 400 मीटर के फाइनल में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया. वह ओलंपिक में जाने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन उनके लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए. उनके करियर का एकमात्र लक्ष्य ओलंपिक में जाना था.
ऊंची छलांग के लिए पहला कदम
2008 में दक्षिण कोरिया के देगू में हुए विश्व चैंपियनशिप में उन्हें अपनी ख्वाहिश पूरी करने का मौका मिला. आम धावकों के साथ उन्हें भी दौड़ने का मौका मिला. उन्हें दक्षिण अफ्रीका की 4X400 मीटर रिले रेस टीम में शामिल किया गया. लेकिन टीम सेमीफाइनल के आगे नहीं पहुंच पाई. और उन्हें सिल्वर मेडल से संतुष्ट होना पड़ा.
ओलंपिक का सपना
जुलाई 2012 में पिस्टोरियस का नाम दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय टीम में लंदन खेलों के लिए शामिल किया गया. वह कृत्रिम पैरों के साथ आम धावकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले पहले विकलांग खिलाड़ी बने. इस प्रतिस्पर्धा में वह आठवें स्थान पर आए. रिले इवेंट में भी उनका ऐसा ही कुछ हाल रहा लेकिन समापन समारोह में उन्हें देश का झंडा ले जाने की जिम्मेदारी दी गई.
पैरालंपिक में और कामयाबी
पिस्टोरियस ने एक बार फिर लंदन ओलंपिक स्टेडियम की शोभा बढ़ाई, उद्घाटन समारोह में उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी पैरालंपिक टीम की अगुवाई की. 200 मीटर रेस में उन्होंने एक और विश्व रिकॉर्ड बनाया लेकिन फाइनल में वह हार गए. लेकिन दो इवेंट में उन्होंने गोल्ड मेडल पर निशाना साधा.
हत्याकांड
फरवरी 2013 से पिस्टोरियस दुनिया भर में अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या के मामले में चर्चा में हैं. अब अदालत ने उन्हें अपनी गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैंप की हत्या के सभी आरोपों से बरी कर दिया है.