ब्रेस्ट इंप्लांट घोटाला
१४ नवम्बर २०१३फ्रांस के दक्षिण में तूलों शहर की अदालत ने यह बात कही है. अदालत ने अपने बयान में कहा, "कंपनी ने जांच और निगरानी में जिम्मेदारी नहीं निभाई." अदालत ने टीयूवी राइनलैंड को आदेश दिए हैं कि वह इंप्लांट बेचने वालों और इंप्लांट का इस्तेमाल कर रही महिलाओं को मुआवजा दे. टीयूवी के खिलाफ बुलगारिया, ब्राजील, इटली, सीरिया, मेक्सिको और रोमानिया के छह डिस्ट्रिब्यूटरों ने मामला दर्ज किया था. अदालत ने टीयूवी राइनलैंड को आदेश दिए हैं कि वह हर मरीज को 3000 यूरो का मुआवजा दे.
टीयूवी राइनलैंड के खिलाफ इस मामले में 1600 ऐसे लोग शामिल थे जिन्होंने यह इंप्लांट लगवाए. इसे पॉली इंप्लांट प्रेथेस पीआईपी नाम की कंपनी बनाती है. तूलों में पीआईपी के स्थापक ज्यां क्लोद मा और कंपनी के चार और अधिकारियों के खिलाफ अलग से कार्रवाई हो रही है. मा और पीआईपी के अधिकारियों के खिलाफ अगर सबूत साबित होते हैं तो उन्हें पांच साल तक की जेल हो सकती है. उधर टीयूवी का कहना है कि उसका काम इंप्लांट में लापरवाही से हुई गलतियों को ढूंढना था और जान बूझकर धोखेबाजी को खोज निकालना इस काम में शामिल नहीं है.
दुनिया भर के 65 देशों में करीब चार लाख महिलाएं पीआईपी के बनाए हुए इंप्लांट लगवा चुकी हैं. 2011 में जब यह मामला सामने आया तो हजारों महिलाओं ने अपने इंप्लांट निकलवा लिए. उन्होंने स्तन इंप्लांट के लिए घटिया क्वालिटी के सिलिकोन का इस्तेमाल किया था. इससे इंप्लांट स्तन के अंदर रहते हुए फट सकता है. इस सिलिकोन का इस्तेमाल आम तौर पर गद्दों में किया जाता है. कई टेस्टों में पता चला है कि पीआईपी के इंप्लांट में भारी धातुओं का इस्तेमाल किया गया है.
एमजी/एजेए (डीपीए, एएफपी)