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ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति को जेल जाना होगा

५ अप्रैल २०१८

ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा को "जेल जाना ही होगा." सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें सुनाई गई 12 साल के कैद की सजा पर अमल रोकने से इनकार कर दिया है.

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Luiz Inacio Lula da Silva
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/E. Peres

अभी यह साफ नहीं है कि दो बार के राष्ट्रपति लूला कब गिरफ्तार होंगे लेकिन कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक अगले हफ्ते तक यह हो जाएगा. लूला की याचिका पर 11 जजों की बेंच में 10 घंटे तक चली सुनवाई बुधवार को शुरू हुई और गुरुवार को खत्म. फैसले पर 5-5 जज बंटे हुए थे आखिरकार मुख्य न्यायाधीश कार्मेन लूसिया के वोट के बाद फैसला लिया गया. कार्मेन लूसिया ने कहा कि सजा पर अमल रोकना, "छुटकारे की तरफ ले जा सकता है."

Luiz Inacio Lula da Silva
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/E. Peres

जजों की तरह ही देश के लोग भी इस फैसले पर बंटे हुए हैं. एक तरफ सेना के शीर्ष जनरल ने वामपंथी दल के संस्थापक के लिए जेल की सजा का अनुरोध किया और इसे लेकर देश में लोकतंत्र पर सवाल उठाए जा रहे हैं. आमतौर पर राजनीति में दखल से दूर रहने वाली सेना के कमांडर ने लूला को जेल भेजने की मांग की. सेना प्रमुख एडुआर्डो विलास बोआस ने इस बारे में ट्वीट किया है. हालांकि सेना प्रमुख के बयान की कड़ी आलोचना भी हुई है. दूसरी ओर लूला को देश की राजनीति में फैले भ्रष्टाचार का चेहरा भी माना जाता है. उन्हें सजा दिलाना देश में चले भ्रष्टाचार विरोधी अभियान "कार वाश" का मकसद रहा है और अब उनकी सजा अभियान चलाने वालों के लिए जीत की निशानी है.

हालांकि वामपंथी लोग 2003-2020 के शासन को वह समय मानते हैं जिसमें देश के लाखों लोग गरीबी के दलदल से बाहर निकले. उनके लिए भ्रष्टाचार का पूरा मामला एक जालसाजी है जो न्यायपालिका के जरिए दक्षिणपंथी नेताओं को आसान जीत दिलाने के लिए तैयार किया गया है. इन नेताओं में मौजूदा राष्ट्रपति मिषेल टेमर भी शामिल हैं. वामपंथी दल वर्कर्स पार्टी के प्रमुख ग्लेइसी हॉफमैन ने कहा, "यह ब्राजील और लोकतंत्र के लिए एक बुरा दिन है."

अदालती लड़ाई में देश के चुनावी अभियान पर हावी हो रहे ध्रुवीकरण का अक्स नजर आ रहा है. देश में इसी साल चुनाव होने हैं और सर्वेक्षणों में लूला सबसे आगे हैं जबकि दूसरे नंबर पर धुर दक्षिणपंथी नेता और पूर्व सैन्य अधिकारी जेयर बोल्सोनारो. इनके बीच मध्यमार्गी पार्टी अभी अपने पैर टिकाने के लिए संघर्ष करती दिख रही है.

लूला को पिछले साल 12 साल एक महीने की सजा सुनाई गई थी. उन्हें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से घूस के रूप में अपार्टमेंट लेने का दोषी पाया गया. उन्होंने निचली अदालत में इसके खिलाफ अपील की मगर हार गए. मौजूदा कानून के मुताबिक उन्हें ऊंची अदालतों में अपील करने से पहले जेल जाना चाहिए. हालांकि लूला ने सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कार्पस के लिए याचिका दायर की. वे चाहते थे कि अपीलों के दौरान लंबे समय तक जेल से बाहर रहने के लिए अदालत उन्हें अनुमति दे दे.

Luiz Inacio Lula da Silva
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Penner

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई भारी सामाजिक और राजनीतिक दबाव में की. बीते मंगलवार को करीब 20 हजार लोगों ने ब्राजील के सबसे बड़े शहर साओ पाओलो में प्रदर्शन कर मांग की कि लूला को चुनाव लड़ने से रोका जाए और उन्हें जेल भेजा जाए. 5000 से ज्यादा जजों और अभियोजकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि लूला को तुरंत जेल भेजा जाए. जजों को इस मामले में हजारों की तादाद में ईमेल भी मिले. इसके साथ ही कोर्ट को यह भी मानना पड़ा कि लूला देश में बेहद लोकप्रिय हैं और खासतौर से गरीबों के बीच. लूला को जेल में भेजने से उनकी चुनावी उम्मीदों को धक्का पहुंच सकता है. हालांकि वह चुनाव लड़ेंगे कि नहीं इस बात का फैसला एक दूसरी अदालत सुपीरियर इलेक्टोरल ट्राइब्यूनल करेगी.

एनआर/एमजे (एएफपी)