1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बुधवार को शपथ लेंगे प्रणब मुखर्जी

२३ जुलाई २०१२

भारत में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने वाले प्रणब मुखर्जी बुधवार को शपथ लेंगे. चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वालों पर बीजेपी कार्रवाई का मन बना रही है, जबकि संगमा की बेटी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की पेशकश की.

https://p.dw.com/p/15dUt
तस्वीर: Reuters

संसद के केंद्रीय कक्ष में 25 जुलाई को एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. उन्हें मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया सुबह 11: 30 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मौके पर उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद होंगी.

इस कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति भवन से होगी. मौजूदा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और नवनिर्वाचित प्रणब मुखर्जी का काफिला राष्ट्रपति भवन से संसद तक पहुंचेगा. मुख्य न्यायाधीश, मीरा कुमार और हामिद अंसारी उनकी अगुवाई करेंगे. मुखर्जी के शपथ लेने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. इसके बाद वह प्रतिभा पाटिल के साथ ही राष्ट्रपति भवन की ओर चले जाएंगे.

Wahlen Indien Pranab Mukherjee
तस्वीर: AP

राष्ट्रपति भवन के बाहर उन्हें एक बार फिर सलामी दी जाएगी. मुखर्जी इसके बाद प्रतिभा पाटिल को लेकर तुगलक रोड पर उनके अस्थायी निवास जाएंगे. पाटिल का पुणे में घर जब तक पूरा नहीं होगा, वह यहीं रहेंगी.

क्रॉस वोटिंग की जांच

इस बीच, राष्ट्रपति पद के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने पर बीजेपी ने कार्रवाई करने का फैसला किया है. पार्टी की कर्नाटक इकाई ने कहा है कि वह एक कमेटी बना रही है, जो इस बात का पता करेगी कि किन लोगों ने क्रॉस वोटिंग की है. मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा, "इस बात का शक है कि 14 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. हम उनका जल्द ही पता लगाएंगे कि किन्होंने ऐसा किया है." एनडीए के उम्मीदवार पीए संगमा को कर्नाटक में 103 वोट मिले, जबकि प्रणब मुखर्जी को 117 वोट. 224 सदस्यीय विधानसभा में तीन वोट खारिज कर दिए गए. कायदे से मुखर्जी को 98 वोट मिलने चाहिए थे लेकिन उन्हें इससे 19 ज्यादा मिले. बीजेपी के 119 विधायक हैं, लेकिन संगमा को सिर्फ 103 वोट ही मिले.

कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की बीजेपी आलाकमान से ठनी हुई है और चुनावों के बाद उन्होंने पार्टी पर एक और तीर छोड़ते हुए कहा है कि प्रणब मुखर्जी को एकराय से राष्ट्रपति चुन लिया जाना चाहिए. उनका कहना है, "सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए था और सोच विचार कर एकमत से मुखर्जी के नाम पर सहमति बना देनी चाहिए थी."

संगमा का जवाब

Wahlen Indien Pranab Mukherjee
तस्वीर: AP

उधर, मुखर्जी से मुंह की खाने के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे पीए संगमा ने अदालत जाने से इनकार नहीं किया है. वह पहले भी मुखर्जी की उम्मीदवारी में खामियां निकाल चुके हैं. उनकी बेटी और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री अगाथा संगमा ने पद छोड़ने की पेशकश की है. वह कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में मंत्री हैं लेकिन अपने पिता और कांग्रेसी उम्मीदवार के विरोध में लड़ रहे पीए संगमा का प्रचार कर रही थीं. वह तूरा लोकसभा सीट से सांसद हैं. एनसीपी सूत्रों ने बताया कि अगाथा ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से मिल कर इस्तीफे की पेशकश कर दी है. संगमा पहले ही राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए एनसीपी से इस्तीफा दे चुके हैं. वह इस पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं.

एनसीपी भले ही राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए उम्मीदवार के साथ था लेकिन इसके बाद से उसका भी कांग्रेस के साथ मतभेद हो चुका है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे यूपीए से बाहर तो नहीं निकलेंगे लेकिन अब सरकारी काम काज में हिस्सा नहीं लेंगे.

एजेए/एमजी (पीटीआई, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी