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बुकर के लिए रेस शुरू!

१८ मार्च २००९

साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक बुकर पुरस्कार के लिए नामांकन शुरू हो गया है. भारतीय लेखिका महाश्वेता देवी के अलावा भारतीय मूल के वीएस नायपॉल के नाम भी शामिल हैं.

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महाश्वेता देवी भी रेस मेंतस्वीर: National Book Trust, India

इस बार भी मैन बुकर प्राइज़ के रेस में भारत के दो लेखक शामिल हैं. न्यू यॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी में पत्रकार सम्मेलन में मैन ग्रुप के अध्यक्ष पीटर क्लार्क ने 14 लेखकों के नाम बताए. नामांकित लेखकों में से भारत की महाश्वेता देवी और नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के वीएस नायपॉल शामिल हैं.

Literaturnobelpreisträger V.S. Naipaul
नोबेल भी पा चुके हैं नायपॉलतस्वीर: DW

ख़ास बात यह है कि इस बार दो ऐसे लेखकों के नाम शामिल किए गए हैं, जिन्हें पहले भी बुकर पुरस्कारसे सम्मानित किया जा चुका है. ऑस्ट्रेलिया के पीटर कैरी को 1988 में उनके उपन्यास 'ऑस्कर ऐंड लूसिंडा' और 2001 में 'ट्रू हिस्ट्री ऑफ द कैली गैंग' के लिए सम्मानित किया गया. ब्रिटेन के जेम्स केलमेन को 1994 में अपनी किताब 'हाऊ लेट इट वाज़, हाउ लेट' के लिए मिली थी. इनके अलावा स्पेन, कनाडा, केन्या, पेरू, इटली, अमेरिका और अन्य देशों के लेखक भी दौड़ में हैं.

भारतीय लेखक अमित चौधरी इस वर्ष जूरी में शामिल हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव में रहने वाले आन्द्रे कुरकोव और अमेरिकी लेखिका जेन स्माइली भी जूरी पैनेल में हैं. मई महीने में बुकर पुरस्कार के विजेता का नाम घोषित कर दिया जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

एडिटरः ए जमाल