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बिन लादेन के फोटो नहीं जारी किए जाएंगे

५ मई २०११

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को फैसला लिया कि बिन लादेन की शव के फोटो सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे. ओबामा के मुताबिक फोटो जारी करने से हिंसा हो सकती है और अल कायदा इसे दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल कर सकता है.

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तस्वीर: AP

अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने इस बात से इनकार किया है कि अल कायदा प्रमुख को मारा जाना गैर कानूनी था. उन्होंने कहा कि लादेन पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमला किया गया.

फिर नहीं घूमेगा धरती पर

फोटो सार्वजनिक नहीं करने से ओसामा की मौत पर सवाल खड़े होने के दावों को ओबामा ने खारिज किया. उन्होंने कहा कि फोटो जारी करना कोई हल नहीं है, सीबीएस कार्यक्रम में बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे लगता है कि ये तस्वीरें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकती है. हमारे लिए यह आवश्यक है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति के फोटो सार्वजनिक नहीं हों जिसके सिर में गोली मारी गई है. उसकी तस्वीरें हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं और दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि बिन लादेन मारा जा चुका है. हमें नहीं लगता कि फोटो से कोई फर्क पड़ेगा. मुख्य बात तो यह है कि आप लादेन को इस धरती पर चलते हुए फिर नहीं देखेंगे."

Osama bin Laden / Zeitungen / Al Kaida / NO-FLASH
अब नहीं दिखेगातस्वीर: AP

बिन लादेन के फोटो नहीं जारी करने के फैसले के बाद ओबामा सरकार में बहस शुरू हो गई है. सीआईए के निदेशक लियोन पैनेटा ने मंगलवार को कहा था कि लादेन के शव की तस्वीरें जारी की जा सकती हैं.वहीं व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा कि वॉशिंगटन के लिए मुस्लिम देशों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखना जरूरी है. ओबामा के फैसला लेने से पहले कार्नी ने इस फोटो को वीभत्स बताया था. रिपब्लिकन सीनेटर केल एयोटे ने कहा, "मैंने एक फोटो देखा है. यह फोटो उसकी पहचान की पुष्टि करता है."

मारने की सफाई

व्हाइट हाउस ने ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए सफाई दी है. व्हाइट हाउस के मुताबिक भले ही वह निहत्था रहा हो लेकिन उसने समर्पण करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. सीनेट की न्यायिक समिति के प्रमुख एरिक होल्डर ने 11 सितंबर 2001 के हमले का संदर्भ देते हुए कहा, "यह राष्ट्रीय आत्म रक्षा का कदम था. बिन लादेन को लक्ष्य बनाना सही था क्योंकि वह दुश्मन कमांडर था. ऑपरेशन अमेरिकी कानून और मूल्यों के हिसाब से तय किया गया था. यह किल या कैप्चर मिशन था. अगर उसने समर्पण किया होता या इसकी कोशिश की होती तो निश्चित रूप से हम इसे स्वीकार करते. लेकिन ऐसा कोई संकेत उसने नहीं दिया इसलिए उसे मारा जाना सही कदम था."

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नाराज जमात उद दावातस्वीर: picture-alliance/dpa

विरोध नहीं पर स्वागत भी नहीं

बिन लादेन को मारा जाना और तुरत फुरत अंतिम संस्कार मुस्लिम देशों में अमेरिका की आलोचना का कारण बन गया है. काहिरा में नाटककार हुसैन अल सवाफ कहते हैं, "अमेरिका ने भी बिन लादेन की ही तरह काम किया- धोखे और नीचता से. उन्हें उसे अदालत में ले जाना चाहिए था. जहां तक उसे दफनाने का सवाल है वह इस्लामिक तरीके से नहीं किया गया था. उसे जमीन में दफनाया जाना चाहिए था."

रॉयटर्स समाचार एजेंसी के सर्वेक्षण में पता चला है कि खुशी में डूबी अमेरिकी जनता ने ऑपरेशन के तरीके पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. सर्वेक्षण से पता चला कि इस कार्रवाई से ओबामा की छवि सुधरी है और उनके नेतृत्व पर लोगों का विश्वास बढ़ा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एन रंजन