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बिन लादेन का पता बताने वाला डॉक्टर जेल में

२८ जनवरी २०१२

ओसामा बिन लादेन के बारे में अमेरिका को पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी ने जानकारी दी. 100 फीसदी सच्ची जानकारी देने वाला यह डॉक्टर अब पाकिस्तानी जेल में देशद्रोह की सजा काट रहा है. अमेरिका पाकिस्तान के रुख से नाराज है.

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तस्वीर: Reuters

सीबीएस टीवी चैनल के एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि डॉक्टर शकील अफरीदी ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की मदद की. डॉक्टर अफरीदी की मदद से ही अमेरिकी कमांडो एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर घुस सके.

अफरीदी ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए एक टीकाकरण कार्यक्रम चलाया. टीकाकरण के दौरान बिन लादेन के भी नमूने लिए गए. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने डॉक्टर अफरीदी के लिए नमूनों को बिन लादेन के डीएनए से मिलाया. नमूने पूरी तरह मिल गए और इस बात की पुष्टि हो गई कि एबटाबाद में छुपा शख्स अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ही है. इसके बाद ही यूएस नेवी सील ने बिन लादेन के ठिकाने पर धावा बोला.

दो मई 2011 की आधी रात को हुई कमांडो कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन मारा गया. लेकिन इस मिशन के बाद डॉक्टर अफरीदी के बुरे दिन शुरू हो गए. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अफरीदी देशद्रोह के आरोप में फिलहाल जेल में हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा ने अफरीदी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है, मैं इस बात से बहुत चिंतित हूं कि पाकिस्तान ने उनके साथ क्या किया है.

Bin Laden und Ayman al-Zawahiri
तस्वीर: picture alliance / dpa

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने साफ संकेत दिए हैं कि अमेरिका डॉक्टर अफरीदी के मामले में दखल देगा. पैनेटा ने कहा, "वह किसी भी तरह पाकिस्तान के साथ देशद्रोह में नहीं थे. आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान और अमेरिका एक ही मैदान में हैं. आतंकवाद के खिलाफ मदद करने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ इस तरह के कदम उठाना, मुझे लगता है कि यह उनकी बड़ी गलती है."

अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान को ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद में छुपे होने का पता था. पैनेटा कहते हैं, "मुझे व्यक्तिगत तौर पर यह लगता है कि किसी को जरूर इस बात का आभास था कि उस परिसर में क्या हो रहा है. यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि उस परिसर की दीवारें 18 फुट ऊंची थी. वह इलाके का सबसे बड़ा परिसर था."

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रमुख के मुताबिक उनके पास इस बात का 'पुख्ता सबूत' नहीं है जिससे यह साबित किया जा सके कि पाकिस्तान को बिन लादेन के ठिकाने के बारे में पता था. अमेरिका ने पाकिस्तान को कार्रवाई की भनक तक नहीं लगने दी. पैनेटा कहते हैं, "हमें इस बात की चिंता थी कि अगर हमने इसमें उन्हें (पाकिस्तान को) शामिल किया तो हो सकता था कि वे लादेन को मौका दे देते."

पाकिस्तानी सेना के गढ़ माने जाने वाले शहर एबटाबाद में बिन लादेन को मार गिराए जाने के बाद से ही अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में कड़वाहट है. दोनों देश मतभेदों की दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन लगातार गहरी होती अविश्वास की खाई इसमें आड़े आ रही है. कुछ ही महीनों पहले नाटो के हवाई हमले में पाकिस्तानी सेना के 24 जवानों की मौत के बाद से दोनों पक्षों में कटुता और बढ़ी है.

रिपोर्टः एएफपी/ओ सिंह

संपादनः एन रंजन

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