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बिखराव का सामना करते ईयू में सुधार की कोशिशें

४ जून २०१८

हंगरी और पोलैंड में धुर दक्षिणपंथियों पार्टियों का वर्चस्व, और अब इटली में यूरोप विरोधी पार्टियों का सरकार बनाना. यूरोप में बिखराव के संकेत दिख रहे हैं. क्या चांसलर अंगेला मैर्केल के प्रस्ताव सुधारों को तेज कर सकेंगे.

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Portugal Lissabon Angela Merkel Besuch bei Antonio Costa, Premierminister
तस्वीर: Reuters/R. Marchante

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूरोपीय संघ में व्यापक सुधारों के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों के प्रस्तावों का जबाव दिया है. उन्होंने यूरोपीय एकता, निवेश बढ़ाने और साझा शरणार्थी एजेंसी बनाने पर जोर दिया है.

जर्मन अखबार फ्रांकफुर्टर अल्गेमाइने साइटुंग को दिए इंटरव्यू में जर्मन चांसलर ने कहा कि बदलती विश्व व्यवस्था में "यूरोप को आंतरिक और बाहरी तौर पर इस तरह कदम उठाने होंगे कि दुनिया उसे गंभीरता से ले".

मैर्केल पहले ही कह चुकी हैं कि यूरोप अब पूरी तरह किसी और पर निर्भर नहीं रह सकता है और उसे अपनी किस्मत अपने हाथ में लेनी होगी. यह बात उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मतभेदों के सिलसिले में कही थी.

जानिए यूरोप और यूरोपीय संघ में फर्क 

मैर्केल ने ताजा इंटरव्यू में सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना तो नहीं की लेकिन इतना जरूर कहा कि अमेरिका पारस्परिक समझौतों से हट गया है और उसने यूरोप से आयात होने वाले स्टील और एल्यूमीनियम पर भी शुल्क लगा दिया है.

ईयू में सुधार

यूरोपीय संघ में सुधारों के लिए राष्ट्रपति माक्रों के महत्वाकांक्षी प्रस्तावों पर भी मैर्केल ने अपनी बात रखी. माक्रों यूरोप को ज्यादा मजबूत और उसके नागरिकों के प्रति उसे ज्यादा सजग बनाना चाहते हैं. मैर्केल ने सुधारों पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी लेकिन इनमें से कई बातों पर वह सहमत दिखीं.

माक्रों ने साझा मुद्रा यूरो इस्तेमाल करने वाले यूरोपीय देशों के लिए एक संयुक्त बजट का प्रस्ताव रखा था, जिससे यूरोपीय परियोजनाओं में निवेश किया जा सकेगा और आर्थिक संकट की स्थिति में उससे यूरोजोन को स्थिर बनाने में मदद मिलेगी.

माक्रों साझा यूरोपीय सैन्य बल और साझा रक्षा बजट की वकालत भी करते हैं. इसके अलावा माक्रों ने यूरोप में आने वाले शरणार्थियों को संभालने के लिए एक यूरोपीय शरणार्थी एजेंसी बनाने और मानक यूरोपीय संघ पहचान दस्तावेज तैयार करने का भी सुझाव किया था.

रविवार को प्रकाशित इंटरव्यू में मैर्केल ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तर्ज पर एक यूरोपीय मुद्रा कोष बनाने का समर्थन करती हैं जो सदस्य देशों को दीर्घकालीन और लघुकालीन लोन देकर उन्हें स्थिर बनाने में मदद करेगा. उन्होंने निवेश फंड बनाने के विचार का भी स्वागत किया.

जर्मनी शरणार्थियों की पहली पसंद क्यों? 

साथ ही जर्मन चांसलर एक यूरोपीय शरणार्थी एजेंसी बनाने के हक में भी हैं जो साझा शरणार्थी कानून के आधार पर यूरोप में शरण के आवेदनों से जुड़े मामलों को देखेगी. मैर्केल ने कहा कि वह साझा यूरोपीय बल बनाने के माक्रों के विचार को भी "सकारात्मकता" के साथ देखती हैं, लेकिन इसके बारे में मिल कर काम करना होगा.

उधर फ्रांस ने मैर्केल के रुख का स्वागत किया है. फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, "यह एक सकारात्मक कदम है जो यूरोप के प्रति चांसलर और उनकी सरकार की वचनबद्धता को दिखाता है. यूरोजोन और यूरोपीय संघ को मजबूत करने का यही तरीका है. हम इसके प्रति वचनबद्ध हैं और हमारी महत्वाकांक्षा का वही स्तर है."

इटली

मैर्केल ने यह इंटरव्यू ऐसे समय में दिया है जब इटली में दो पॉपुलिस्ट पार्टियों की सरकार यूरोपीय संघ के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है. वहां की नई सरकार में गृह मंत्री मातिओ साल्विनी ने कहा है कि इतालवी लोग यूरोपीय संघ के दो सबसे अहम देशों जर्मनी और फ्रांस के "गुलाम नहीं हैं".

मैर्केल ने कहा कि वह इटली की नई सरकार के साथ खुले दिल से बात करेंगी और "उसके इरादों के बारे में अटकलें लगाने की बजाय" वे उसके साथ काम करने की कोशिश करेंगी. जब उनसे साल्विनी के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बस इतना ही कहा, "सबसे अच्छा है कि मुद्दों के बारे में बात की जाए." जर्मन चांसलर ने इटली के नए प्रधानमंत्री जुसेप कोंते को जर्मनी के दौरे पर आमंत्रित किया है.

इटली यूरोप की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जहां हाल में हुए चुनावों के बाद पॉपुलिस्ट 5 स्टार मूवमेंट और उग्र दक्षिणपंथी नॉर्थ लीग ने गठबंधन सरकार बनाई है. दोनों ही पार्टियां यूरोपीय संघ विरोधी नजरिए के लिए जानी जाती हैं.

वे कर्ज में घिरे इटली में वित्तीय अनुशासन के लिए यूरोपीय संघ के खर्चों में कटौती के कदमों का विरोध करती हैं. ऐसे में इसी महीने होने वाले यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन में इटली पर सबकी नजरें होंगी.

एके/एमजे (एपी, एएफपी)

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