1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फ्रांस ने निकाले लीबिया के 14 राजनयिक

६ मई २०११

फ्रांस ने लीबिया के 14 राजनयिकों को निकाल दिया है. फ्रांसीसी सरकार लीबियाई विद्रोही परिषद को देश के आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर मान्यता दे चुकी है. वहीं रूस ने लीबिया में जमीनी कार्रवाई का विरोध किया.

https://p.dw.com/p/11Afd
In this photo made on a government organized tour, supporters carry a coffin during funeral ceremony for members Gadhafi family in Tripoli, Libya, Monday, May 2, 2011. A NATO missile strike in Tripoli killed Gadhafi's son Seif al-Arab and his three young grandchildren. The banners how the different tribes represented at the funeral.(AP Photo/Darko Bandic)
तस्वीर: AP

लीबियाई शासक कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के समर्थक 14 राजनयिकों को दो दिनों के भीतर फ्रांस छोड़ने का आदेश दिया गया है. फ्रांस की सरकार ने इन 14 राजनयिकों 'अस्वीकार्य व्यक्ति' करार दिया है. सरकारी बयान के मुताबिक इन लोगों की अब कोई राजनयिक पहचान नहीं है. फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों ने लीबिया में गद्दाफी के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों की परिषद को मान्यता दी है.

फ्रांस और ब्रिटेन के नेतृत्व में ही लीबिया में पश्चिमी देशों की कार्रवाई शुरू हुई जिसकी कमान बाद में नाटो को सौंप दी गई. लीबिया में कर्नल गद्दाफी के ठिकानों पर नाटो के हमले जारी हैं.

जमीनी कार्रवाई का विरोध

रूस ने शुक्रवार को कहा है कि वह लीबिया में विदेशी सेना की जमीनी कार्रवाई का विरोध करता है. उसने ऐसी किसी भी अंतरराष्ट्रीय कोशिश की भी पुरजोर आलोचना की है जिसमें लीबियाई विद्रोहियों को हथियार देने की बात कही गई है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने चीन के विदेश मंत्री से बातचीत के बाद कहा है, " संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्पष्ट तौर पर जमीनी कार्रवाई की इजाजत नहीं दी और इस बारे में रूस का रूख बिल्कुल साफ है".

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी देश नो फ्लाई जोन को जबरन बढ़ा रहे हैं और अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. लावरोव ने कहा है कि कर्नल गद्दाफी के विरोधियों को आर्थिक सहायता देना गलत है. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन आर्थिक सहायता देने को राजी हुए हैं.

लावरोव के मुताबिक,

"सभी को मिलकर लीबिया में शांति बहाली की कोशिश करनी चाहिए, ना कि किसी एक पक्ष का समर्थन करना चाहिए"

रिपोर्टः एजेंसियां/आमिर अंसारी

संपादनः ए कुमार