फेल हुआ तुर्की का अंग प्रत्यारोपण
२७ फ़रवरी २०१२शुक्रवार को अंकारा के हेचटेप यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के 52 डॉक्टरों ने 27 वर्षीय सेवकेत चावदार नामक मरीज को दो हाथ और दो पैर ट्रांसप्लांट किए थे. मेटाबोलिक जटिलताओं वाले ट्रांसप्लांट को विश्व का पहला चार अंगों वाला प्रयारोपण बताया गया था.
लेकिन मरीज के दिल और नसों ने नए अंगों को स्वीकार नहीं किया. उसके बाद डॉक्टरों ने पहले उसका पहला पांव हटाया और उसके बाद दूसरा पांव और दो बांहें भी हटा लीं. डॉक्टरों ने मरीज के बारे में और कोई जानकारी देने से मना कर दिया है.
अस्पताल ने एक बयान में कहा है, "अस्पताल की विज्ञान परिषद ने अतिरिक्त मेटाबॉलिक जटिलताओं के कारण एक एक कर के अंगों को हटाने का फैसला किया है." बयान में कहा गया है कि मरीज इन्टेंसिव केयर यूनिट में है और उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
इससे पहले तुर्की के एक दूसरे यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज ने देश का पहला चेहरे का ट्रांसप्लांट किया था. पिछले महीने दक्षिण अनातोलिया के आकडेनिज विश्वविद्यालय में डॉक्टरों ने 19 साल के एक युवा का ट्रांसप्लांट किया जिसका चेहरा तब जल गया था जब वह 40 दिन का था.
दो महीने पहले तुर्की के एक अन्य अस्पताल में तिहरा अंग प्रत्यारोपण विफल हो गया था. मरीज को दो हाथ और एक पैर ट्रांसप्लांट किया गया था लेकिन टिश्यू के मेल न होने से पांव हटाना पड़ा था.
रिपोर्ट: एएफपी, एपी/महेश झा
संपादन: ए जमाल