फिर बड़े परदे पर दिखेंगी सुष्मिता
४ जनवरी २०१४बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन एक बार फिर फिल्मों में वापसी कर रही हैं. उन्होंने हाल में दो फिल्में साइन की हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें पिछले दिनों सम्मानित किया. डायचे वेले के साथ बातचीत में सुष्मिता ने अपने अब तक के सफर और भावी योजनाओं के बारे में कुछ सवालों के जवाब दिए. पेश हैं उसके मुख्य अंश
आप लंबे समय तक परदे से गायब रही हैं. क्या अभिनय से संन्यास लेने का इरादा है?
यह सही है कि मैं लगभग तीन साल से फिल्मों से दूर हूं. लेकिन फिलहाल संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है. इस दौरान कई दूसरी गतिविधियों ने मुझे व्यस्त रखा. समाजसेवा से जुड़े कई अभियानों में भी शामिल रही. लेकिन अब चुप्पी तोड़ने का समय आ गया है.
अब बड़े परदे पर कब नजर आएंगी?
अगले साल. मैंने हाल में दो फिल्में हाथ में ली हैं. उन पर काम शुरू हो गया है. इनमें से एक फिल्म अगले साल मई में रिलीज होगी और दूसरी अक्तूबर तक.
आप आखिरी बार वर्ष 2010 में नो प्राबलम में नजर आई थीं. उसके बाद इतना लंबा अंतराल क्यों?
दरअसल, मुझे लगा कि गोद ली हुई दोनों बेटियों के साथ मुझे कुछ ज्यादा वक्त गुजारना चाहिए. इन तीन वर्षों में मैंने उनके साथ काफी वक्त गुजारा है और देश-विदेश घूमा है. यह समय मेरे लिए एक अनमोल धरोहर है.
आपने दो बेटियों को गोद लिया है. क्या बेटा गोद लेने का भी इरादा है?
गोद क्यों लेना है. मैं खुद भी तो मां बन सकती हूं.
यानी अब शादी के बारे में सोच रही हैं?
मैंने ऐसा तो नहीं कहा. फिलहाल तो मुझे पसंद का लड़का मिला नहीं है. अब इस उम्र में मैं किसी किशोरी की तरह अपरिपक्व व्यवहार तो नहीं कर सकती.
क्या आपकी बेटियां भी आपकी तरह ही अभिनय के क्षेत्र में करियर बनाएंगी?
बड़ी बेटी रिनी ने तो अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला कर लिया है. छोटी एलीशा की उम्र अभी कम है. आगे चल कर वह जो भी फैसला करेगी, मैं समर्थन करूंगी.
बॉलीवुड की अभिनेत्रियों में अब साइज जीरो का काफी क्रेज है. आपकी क्या राय है?
मैं किसी साइज जीरो में यकीन नहीं करती. दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने के लिए अभिनय प्रतिभा जरूरी है. बदन की नुमाइश के सहारे मिली कामयाबी लंबे समय तक नहीं टिकती. एकाध फिल्मों के बाद लोग आपको भूल जाते हैं. मैं तो ज्यादा वजन के साथ भी अच्छी ही लगती हूं.
आपने अपने हाथ पर आई एम का टैट्टू बनवाया है. इसकी वजह?
यह मेरे विश्वास पर आधारित है और मेरी कंपनी आई एम सी की कैचलाइन भी है. मेरी कंपनी के ज्यादातर लोगों ने अपने हाथ पर इसे बनवाया है. इसलिए मैंने भी बनवा लिया.
आपने तीस से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. लेकिन इनमें से कई फिल्में बाक्स आफिस पर औंधे मुंह गिर गईं. क्या उनमें काम करने का कोई अफसोस होता है?
मुझ पर फिल्मों के फ्लाप होने का कभी ज्यादा असर नहीं हुआ. उल्टे ऐसी हर फिल्म के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैंने नई ऊर्जा के साथ अगली फिल्म में काम किया है. इसलिए अब तक के करियर पर मुझे कोई अफसोस नहीं है.
इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता
संपादन: महेश झा