प्लास्टिक के दानव से जंग
लाखों टन प्लास्टिक दुनिया भर के सागरों में पहुंच कर उनसे जीवन छीन रहा है. आइए देखें कि प्लास्टिक प्रदूषण रूपी दैत्य से लड़ने के लिए दुनिया भर में क्या तरीके सोचे जा रहे हैं.
टनों कूड़ा
कम से कम 80 लाख टन प्लास्टिक हर साल सागरों में जाकर मिल रहा है. एलन मैकआर्थर फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार अगर तुरंत कुछ नहीं किया गया तो साल 2050 तक सागर में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा. देखिए प्रशांत महासागर में मिडवे द्वीप के बीच का दृश्य.
प्लास्टिक की लत
पानी पर तैरता प्लास्टिक ना केवल दिखने में बुरा लगता है बल्कि बहुत छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, जिसे समुद्री जीव भोजन समझकर खा लेते हैं. उपसाला विश्वविद्यालय की एक स्टडी दिखाती है कि प्लास्टिक खाने से मछलियों की वृद्धि अवरूद्ध होती है और वे जल्दी मरने लगती हैं. वहीं कुछ मछलियों को इन्हें खाने की लत लग जाती है.
खाने योग्य विकल्प
ओशन कंजर्वेन्सी के अनुसार समुद्री जीवों की तकरीबन 690 प्रजातियां प्लास्टिक प्रदूषण से प्रभावित हुई हैं. फ्लोरिडा में डेलरे बीच क्राफ्ट ब्रूअरी ने खाने लायक छह छल्ले बनाए हैं, जो गेहूं और जौ से बनते हैं. यह बीयर कैन्स के ऊपर लगने वाले प्लास्टिक के रिंग की जगह ले सकता है और इससे समुद्री जीव खा भी सकते हैं.
बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग
एक बार इस्तेमाल में आने वाली प्लास्टिक पैकिंग के बजाए कई कंपनियां बायोडिग्रेडेबल विकल्पों के बारे में सोच रही हैं. पोलैंड के एक प्लांट में गेहूं के ब्रैन से बायोट्रेम पैकेजिंग विकसित करने का आइडिया जेर्सी विसोकी का है. इस पैकेट को ओवन या फ्रिज में भी रखा जा सकता है. यह 30 दिनों में अपने आप विघटित हो जाएगी या इसे खाया भी जा सकता है.
प्लास्टिक की जगह बैंबू
तेजी से बढ़ने वाले बांस के पौधे से टूथब्रश से लेकर बाथरूम के पर्दे, बर्तन यहां तक कि कंप्यूटर के पार्ट्स भी बनाए जा सकते हैं. तस्वीर में देखिए कि टोंगू जियांगकियो बैंबू ऐंड वुड इंडस्ट्री कंपनी ने कैसे कीबोर्ड, माउस और मॉनिटर का निर्माण कर रही है.
सागरों की छनाई
एक डच फाउंडेशन ओशन क्लीनअप का मकसद है कि वह 100 किलोमीटर लंबे तैरने वाले बांध से कचरे को छान सके और इससे पानी में रहने वाली मछलियों पर असर ना पड़े. इस तरह का एक सिस्टम प्रशांत महासागर में लगाने का काम 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
कूड़े से फैशन
ऐसे कुछ प्लास्टिक को रिसाइकिल कर दूसरे रूपों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. जैसे कि एक स्पैनिश कंपनी इकोआल्फ कर रही है. मैड्रिड स्थित यह कंपनी प्लास्टिक कचरे से कपड़े बना रही है. मछुआरों ने पानी से कचरा इकट्ठा किया, इसे प्लेक्स के रूप में पीसा गया, फिर इनसे पॉलिएस्टर फाइबर बनाकर फैशनेबल जैकेट, बैकपैक और दूसरी चीजें बनाई गईं.
असली रूप में
2012 में संयुक्त राष्ट्र की एक कॉन्फ्रेंस के दौरान प्लास्टिक की बेकार बोतलों से बड़ी मछली बना दी गई थी. इसे रियो जडे जेनेरो में पानी के पास ही प्रदर्शित किया गया था.