प्रवासियों को मोहलत
६ मई २००९बहरीन के प्रवासी मज़दूरों से जुड़े कानून अब बदलने जा रहे हैं. अब तक यहां के कानून के मुताबिक बाहर से काम करने आए मज़दूरों का वर्क परमिट यानी अनुमति पत्र उन्हें नौकरी देने वाली कंपनी से जुड़ा होता था. इस कानून के चलते प्रवासी मजदूर एक कंपनी से बंध कर रह जाते थे और अपनी मर्जी से नौकरी बदलने में उन्हें खासा परेशानी होती थी. लेकिन अब नए कानून के चलते काम करने के अनुमति पत्र सरकार जारी करेगी, न कि नियोक्ता. यह अनुमति पत्र सरकार दो साल के समय के लिए जारी करेगी, और इस दौरान आप्रवासी कामगारों को बिना अपनी नियोक्ता कंपनी की इजाज़त लिए नौकरियां बदलने की छूट होगी.
बहरीन के श्रम मंत्री मजीद अल अलावी ने कहा कि यह नया कानून एक पहले से ज़्यादा उदारीकृत और गतिशील श्रम बाज़ार को जन्म देगा, जिसमें कामगार बिना किसी रोकटोक के एक नियोक्ता से दूसरे नियोक्ता की तरफ़ रूख कर सकेंगे. नया कानून एक अगस्त से लागू होगा और बहरीन मध्य पूर्व में इन क़ानूनों को लागू करने वाला पहला देश होगा.
दुबई सहित मध्य–पूर्व के अनेक देशों में प्रवासी कामगारों की काम करने की अनुमति उनकी कंपनी से बंधी होती है.. इनमें से ज्यादातर कामगार दक्षिण एशियायी देशों से आते हैं. ये लोग अधिकतर कम वेतन वाले छोटे मोटे काम के लिए बुलाए जाते हैं, और कार्यस्थल पर इनका शोषण आम बात है. ऐसे में, जब उनका काम करने का अधिकार एक ही नियोक्ता से जुड़ा हो, तो उनके पास उस शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाने का भी साधन नहीं होता. लेकिन अब नए कानून के चलते कम से कम बहरीन में ये कामगार अपने अधिकारों के प्रति ज़्यादा सजग हो सकेंगे.
रिपोर्ट - रति अग्निहोत्री/एजेंसियां
संपादन - उज्ज्वल भट्टाचार्य