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प्रदर्शन अपनी जगह, मुबारक अपनी जगह

८ फ़रवरी २०११

मंगलवार को भी मिस्र में विरोधी प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे. राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक का इस्तीफा मांग रहे लोग लगातार 12वें दिन काहिरा की सड़कों पर उतरे.

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तस्वीर: dapd

जो लोग पहले विरोध प्रदर्शन को अविश्वास से देख रहे थे, वे भी अब प्रदर्शनकारियों का साथ देने सड़कों पर आ गए हैं. तहरीर चौक पर आ रहे लोगों का कहना है कि उन्होंने सरकार और सरकारी मीडिया के गलत आश्वासनों को पहचान लिया है. काम खत्म करने के बाद सैकड़ों लोग मार्च में हिस्सा लेने पहुंचे. उधर, मिस्र में गूगल के अधिकारी वाएल घोनिम को छुड़ा लिया गया है. भावुक हो रहे घोनिम को देखकर जनता को विश्वास हो गया कि सरकार ने विदेशी ताकतों की साजिश की जो बात कही है, वह गलत है.

प्रदर्शनों में पहली बार हिस्सा ले रही 71 वर्ष की अफफ नागेद का कहना था कि वे मुबारक से तंग आ गई हैं क्योंकि वह हर हालत पर सत्ता में रहना चाहते हैं. "उसे विश्वास नहीं हो रहा कि उसका वक्त खत्म हो गया है... वह बहुत जिद्दी है. लेकिन मैं वाएल घोनिम की वजह से भी यहां हूं. उसने सही कहा था कि राष्ट्रीय लोकतंत्र पार्टी एनडीपी खत्म है लेकिन वे इस बात पर विश्वास नहीं करना चाहते."

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(110208) -- CAIRO, Feb. 8, 2011 () -- A demonstrator wakes up at Tahrir Square in Cairo, capital of Egypt, Feb. 8, 2011. Demonstrations demanding resign of President Hosni Mubarak continues, though the new government approved 15-percent pay raise for government employees. (/Xu Jinquan)तस्वीर: Photoshot

तहरीर चौक पर मौजूद रॉयटर्स एजेंसी की पत्रकार दीना जायद का कहना है कि मंगलवार को भीड़ पिछले शुक्रवार से भी ज्यादा लग रही थी. शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों सहित पूर्व नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद अल बारादेई ने विरोध प्रदर्शनों का एलान किया. जायद के मुताबिक तहरीर चौक में आराम से सात लाख लोगों की भीड़ समा सकती है. काहिरा के केंद्र में लोग वहां जैसे पूरी तरह बस गए हों. वहां अखबार, पानी और खाना बेचने वाले भी आ गए हैं. पूर्व यातायात मंत्री एसाम शरफ ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया.

मुबारक के शासन में 30 साल के बाद लोग विपक्ष और सरकार के बीत बातचीत पर विश्वास नहीं करना चाहते हैं. विपक्षी पार्टी के सईद गरीब कहते हैं, "मुझे बातचीत में विश्वास नहीं है क्योंकि हम इन लोगों पर यकीन नहीं कर सकते हैं. 30 साल तक इन्होंने लोगों की मांगों को खारिज किया."

तहरीर चौक के बाहर शहर में भी कई लोग प्रदर्शनकारियों को समर्थन दे रहे हैं. इनमें से कई लोगों का अब भी मानना है कि वे सरकार पर विश्वास करते हैं और बदलाव आने की उम्मीद है.

हालांकि लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री जां आसेलबोर्न ने मुबारक को मामला सुलझाने के लिए एक विचित्र सुझाव दिया है. उनका कहना है कि अगर मुबारक जर्मनी में इलाज के बहाने आ कर अस्पताल में दाखिल होते हैं, तो पद से हटना भी नहीं पड़ेगा और लोगों की बात भी रखी जाएगी. जर्मन विदेश मंत्री ने इस बीच कहा है कि मुबारक उनसे मदद मांगने अब तक नहीं आए. मिस्र के हालात को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा है कि वहां की सरकार को अपने वादे पूरे करने होंगे और लोकतंत्र की ओर बढ़ना होगा. पहली बार प्रदर्शनों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुबारक की सरकार को नियमित रहना पड़ेगा लेकिन आगे बढ़ना जरूरी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए जमाल

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