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पोप का टीवी पर चैट शो

२३ अप्रैल २०११

शुक्रवार को गुड फ्राइडे के दिन पोप पहली बार टीवी पर एक चैट शो में दिखे. पोप ने वीडियो चैट के जरिए दुनिया भर के लोगों के सवालों के जवाब दिए. हालांकि पादरियों के बच्चों का यौन शोषण पर कोई बात नहीं की गई.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मीडिया से दूरी रखने के लिए जाने जाने वाले पोप बेनेडिक्ट 16वें ने गुड फ्राइडे के दिन टीवी पर लोगों के सवालों के जवाब दिए. इटली के टीवी पर 84 वर्षीय पोप को वीडियो संदेशों का जवाब देते हुए देखा गया. हालांकि यह संदेश एक हफ्ता पहले ही रिकॉर्ड कर लिए गए थे. "क्वेस्चंस अबाउट जीसस" यानी "ईसा मसीह के बारे में सवाल" नाम के इस शो को उस समय प्रसारित किया गया जिसे ईसा मसीह के मरने का समय माना जाता है.

पोप के सात जवाब

इटली के सरकारी चैनल आरएआई के अनुसार कम से कम 2000 लोगों ने चैनल से संपर्क किया लेकिन पोप केवल सात ही संदेश सुन पाए. यह सात संदेश दुनिया के अलग अलग कोनों से आए जिन्हें इंटरनेट के जरिए पहले ही रिकॉर्ड कराया गया था. मतलब यह कि टीवी पर भले ही दर्शकों ने पहले संदेश और फिर पोप का जवाब देखा, लेकिन यह लोग सीधे पोप से बात नहीं कर रहे थे.

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तस्वीर: AP

पहला सवाल जापान की सात साल की एलेना नाम की एक बच्ची का था. पिछले महीने जापान में आए भूकंप और सूनामी से डरी हुई इस बच्ची ने पूछा, "मैं जानना चाहती हूं कि मुझे डर के क्यों रहना पड़ रहा है? पोप तो भगवान से बात करते हैं, इसलिए मैं उनसे यह पूछ रही हूं."

इसके जवाब में पोप ने कहा, "मेरे अंदर भी यही सवाल हैं, कि ऐसा क्यों हो रहा है. तुम्हें क्यों इन मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है, जब कि बाकी लोग आराम की जिंदगी जी रहे हैं. हमारे पास इन सवालों के जवाब तो नहीं हैं, लेकिन हम इतना जानते हैं कि ईसा मसीह को भी इसी तरह के कष्ट उठाने पड़े थे." जापान में आए भूकंप में 28,000 लोगों की जान गई है.

आध्यात्म का पाठ

इसके बाद इटली की एक महिला को अस्पताल में अपने बेटे की पास बैठे हुए देखा गया. महिला ने बताया कि उसका बेटा 2009 के ईस्टर रविवार से कोमा में है. वो जानना चाहती थी कि क्या उसके बेटे की आत्मा अभी भी वहीं हैं या वह उसके शरीर को छोड़ चुकी है. इसके जवाब में पोप ने कहा, "उसकी आत्मा यकीनन अभी भी शरीर में मौजूद है. यह वैसा है जैसे एक गिटार के तार टूट जाएं और उस से संगीत ना बज सके. इसी तरह से आत्मा वहीं है, पर वो तुमसे बात नहीं कर सकती." पोप ने हमेशा इच्छा मृत्यु को ईश्वर की इच्छा के विरुद्ध बताया है. महिला से बात करते हुए उन्होंने कहा, "तुम्हारा घंटों तक अपने बेटे के पास बैठे रहना दिखता है कि इतनी दुख की घड़ी में भी तुम्हारा ईश्वर और इंसानियत से विश्वास खत्म नहीं हुआ है."

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तस्वीर: AP

दुनिया भर में हिंसा

पोप ने आइवरी कोस्ट की एक बिंटू नाम की मुस्लिम महिला का भी संदेश सुना. आइवरी कोस्ट में मुसलामानों और ईसाइयों के बीच हिंसा में अब तक 1500 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं. पोप ने कहा, "हिंसा कभी भी ईश्वर की ओर से नहीं होती. हिंसा से कभी भी कुछ अच्छा नहीं हो सकता. यह एक विनाशकारी तरीका है और इस से मुश्किलों से भागा नहीं जा सकता." पोप ने कहा कि इस मुश्किल से निकलने का एक ही रास्ता है और वो आपसी बातचीत से ही निकाला जा सकता है.

इसके अलावा पोप ने बगदाद के कुछ युवाओं की भी बातें सुनी. यह युवा पोप से जानना चाहते थे कि वो किस तरह ईसाई समुदाय के लोगों को देश छोड़ने से रोकें. इन युवाओं के अनुसार मुस्लिम बहुल इराक में अधिकतर ईसाइयों को ऐसा कगता है कि उन्हें दबाया जा रहा है. पोप ने इन युवाओं को भरोसा दिया कि वो इस दिशा में पहले ही काम कर रहे हैं और वैटिकन सभी धर्मों के बीच बातचीत को बढ़ावा दे रहा है.

पहली बार किसी पोप ने इस तरह का चैट शो किया है. लोगों के बीच ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के लिए पोप कई कोशिशें करते आए हैं. वो यह जानते हैं कि आधुनिक जमाने में वो पीछे नहीं रह सकते. इसलिए कभी सोशल मीडिया तो कभी ब्लॉग का सहारा भी लेते रहते हैं. रविवार को ईस्टर के दिन पोप पूरी दुनिया को अपना संदेश देंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: एन रंजन

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