पेड़ पर घर
सिर्फ बच्चे ही नहीं बड़े भी कई बार चाहते हैं कि वे पेड़ पर अपना छोटा सा घर बना लें. छिपने, रहने या सपने देखने के लिए.
बड़ी मदद से
इस घर के लिए बजट सिर्फ पांच हजार यूरो ही था. क्योंकि इस तीन मंजिला बाउमहाउस को बनाने में कई लोगों ने मदद की. चूंकि यह बहुत सारी पीढ़ियों के लिए बने अपार्टमेंट्स के पास था इसलिए मददगारों की कमी नहीं पड़ी.
पेड़ों में यूएफओ
बर्लिन का नया फैशन पेड़ पर घर. जरूरी नहीं कि यह घर लकड़ी का ही बना हो. ये श्प्रेबोगन, आंद्रेयास वेनिंग ने बनाया है. एक केबिन जिसमें दुर्लभ धातुओं की प्लेटें लगाई गई हैं. पहली नजर में ये यूएफओ जैसा लगता है.
शहर के बीच
यह घर रात में जगमग करता है. 2012 में यह फिशरद्वीप पर खोला गया. तीन प्लेटफॉर्म एक सीढ़ी से जुड़े हैं और एक पेड़ के इर्दगिर्द हैं जो इस मकान के बावजूद बढ़ सकता है. एक वर्कशॉप में बच्चों के एक चित्र से फ्लोरियान क्नेर और बेर्निटा ले गेरेटे को ये आयडिया आया.
बागीचे में सबके लिए
पोट्सडाम के सार्वजनिक बागीचे फोल्क्सपार्क में यह घर किसी एक के लिए नहीं है. इमानुएल श्टालमान को कहा गया था कि वह पार्क में आने वालों के लिए घर बनाएं. यहां बच्चों के खेलने की जगह तो नहीं है, लेकिन बागीचे में शांति से बैठने की जगह जरूर है.
डगमग सा
शाहबलूत के दो पेड़ों के बीच यह घर मजबूत स्टील की तारों के सहारे टंगा है. इसलिए इसमें जाने पर घर हल्का सा हिलता महसूस होता है. पेड़ों की ताकत पर विश्वास के साथ यहां जाना जरूरी है, नहीं तो डर के मारे कंपकंपी छूट सकती है.
80 त्रिकोण वाला
बर्लिन के क्रॉएत्सबेर्ग में यह गोलाकार घर बना हुआ है. इसका व्यास चार मीटर का है और कुल जगह 12 वर्ग मीटर की. तीन पेड़ों के बीच यह गेंद जमीन से साढ़े तीन मीटर ऊंचाई पर टंगी है. यहां से तीन सीढ़ियां नीचे उतरने के लिए हैं और एक रास्ता बालकनी की ओर भी जाता है.
घर में पेड़ पर
यह मकान अभी सिर्फ मॉडल ही है. बर्लिन के वेडिंग में कलाकारों और निवासियों ने मिल कर इसे बनाया है. आयडिया है कि 140 वर्ग मीटर के, ऊंची छत वाले कमरे में हवा में घर बनाया जाए. इसका डेकोरेशन फिल्म लॉर्ड ऑफ द रिंग्स, अवतार और प्रकृति से प्रेरित होगा.
नो मैन्स लैंड
बर्लिन जब दो हिस्सों में बंटा हुआ था तब भी लोगों ने ऐसी रचनात्मकता दिखाई थी. दीवार के नजदीक पेड़ पर घर दो पेड़ों पर बना है. तुर्की के ओस्मान कालिन ने 1983 में यह घर अपने बागीचे में पेड़ पर बनाया. यह सीमा के बिलकुल नजदीक नोमैन्स लैंड पर था लेकिन फिर भी उन्हें रहने की अनुमति मिल गई.
सफेद घर
ये घर पेड़ पर तो है ही लेकिन बर्लिन की नदी श्प्रे के भी नजदीक है. तो यहां रहने वालों को दोनों का आनंद मिलता है.