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पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

२९ फ़रवरी २०२४

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों से कहा है कि अगर वो यूक्रेन में अपनी सेना लड़ाई के लिए भेजते हैं, तो एक परमाणु युद्ध को उकसावा देने का जोखिम उठाएंगे.

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सालाना भाषण में सांसदों और कुलीनों के सामने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी हैतस्वीर: Evgenia Novozhenina/REUTERS

यूक्रेन की जंग ने रूस और पश्चिमी देशों के रिश्ते को 1962 के बाद पहली बार इतनी तनावपूर्ण स्थिति में ला खड़ा किया है. तब क्यूबा के साथ मिसाइल संकट पैदा हुआ था. पुतिन पहले भी नाटो देशों के साथ सीधे युद्ध की बात करते रहे हैं, लेकिन परमाणु युद्ध की चेतावनी देने की बात पहली बार इतने स्पष्ट तौर पर कही गई है.

पश्चिमी देशों पर आरोप

रूसी सांसदों और देश के दूसरे कुलीन लोगों को संबोधित करते हुए पुतिन ने अपने आरोपों को दोहराया कि पश्चिमी देश रूस को कमजोर करने में लगे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों के नेता यह नहीं समझ रहे हैं कि रूस के अंदरूनी मामलों में दखल देना कितना खतरनाक हो सकता है. पुतिन, यूक्रेन के साथ विवाद को रूस का अंदरुनी मामला मानते हैं.

पुतिन की परमाणु युद्ध की चेतावनी फ्रेंच राष्ट्रपति के मन में उपजे एक विचार पर प्रतिक्रिया के रूप में सामने आई है. 26 फरवरी को फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा था कि नाटो के यूरोपीय सदस्य यूक्रेन में सेना भेजने के बारे में सोच सकते हैं. हालांकि उनके इस विचार को अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन समेत कई देशों ने तुरंत खारिज कर दिया.

एक सिनेमाघर में बैठ कर पुतिन का भाषण सुनते लोग
पुतिन का भाषण बड़ी स्क्रीन और सिनेमाघरों में मुफ्त प्रसारित किया गयातस्वीर: Dmitry Rogulin/TASS/dpa/picture alliance

परमाणु हथियारों का भंडार

पुतिन ने कहा, "(पश्चिमी देशों को) यह जरूर समझना चाहिए कि हमारे पास भी ऐसे हथियार हैं, जो सीधे उनके इलाके में ठिकानों को निशाना बना सकते हैं. इन सबने सचमुच एक ऐसे संघर्ष का खतरा पैदा किया है, जिसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा और सभ्यता का नाश होगा. क्या उन्हें यह समझ में नहीं आता?"

रूस में 15-17 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. अगले छह सालों के लिए एक बार फिर राष्ट्रपति बनने के बारे में पुतिन निश्चिंत हैं. उन्होंने कहा कि रूस के पास दुनिया में सबसे बड़ा और अत्याधुनिक परमाणु हथियारों का भंडार है.

पुतिन ने चेतावनी के स्वर में कहा, "रणनीतिक परमाणु बल पूरी तरह से तैयार हैं." पुतिन ने ध्यान दिलाया कि नई पीढ़ी के उन्नत हाइपर सोनिक परमाणु हथियारों का परीक्षण पूरा हो चुका है और उनकी तैनाती की जा रही है. इन हथियारों के बारे में पुतिन ने 2018 में पहली बार बताया था.

रशियन सिक्योरिटी काउंसिल के चेयरमैन दमित्री मेदवेदेव, फादर किरील और ड्यूमा के फर्स्ट वाइस स्पीकर आलेक्सांद्र जुकोव
पुतिन का भाषण सुनते रूसी सांसद और कुलीन लोगतस्वीर: Alexander Kazakov/Russian President Press Office/dpa/picture alliance

काफी नाराज दिख रहे पुतिन ने सलाह दी कि पश्चिमी देशों को नाजी जर्मनी के अडोल्फ हिटलर और फ्रांस के नेपोलियन बोनापार्ट का हश्र याद करना चाहिए, जिन्होंने पहले रूस पर हमला कर नाकामी झेली थी. पुतिन का कहना है, "अब नतीजे पहले से बहुत ज्यादा दुखद होंगे. वो समझते हैं कि यह (जंग) एक कार्टून है. पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी राजनेता युद्ध क्या होता है, यह भूल गए हैं क्योंकि उन्होंने बीते तीन दशकों में रूस की तरह रक्षा चुनौतियों को नहीं झेला है.

पश्चिमी सीमाओं पर ज्यादा सैनिक

पुतिन ने दावा किया कि रूसी सेनाएं यूक्रेन के मोर्चे पर कई जगहों से आगे बढ़ रही हैं. पुतिन का कहना है कि फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने के फैसले के बाद रूस को यूरोपीय संघ की सीमाओं पर और ज्यादा सैनिक तैनात करने होंगे.

स्वीडन के नाटो में आने का क्या असर होगा

पुतिन ने पश्चिमी देशों की इस राय को भी खारिज किया कि रूसी सेनाएं यूक्रेन से आगे बढ़ कर यूरोपीय देशों पर हमला करेंगी. उन्होंने कहा कि रूस, सोवियत संघ वाली गलती नहीं करेगा, जिससे कि पश्चिमी देशों को उसे हथियारों की दौड़ में खींचने का मौका मिले और उसका सारा बजट खत्म हो जाए.

सालाना भाषण देते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमी पुतिन
चुनाव से पहले भाषण में पुतिन आत्मविश्वास से भरे नजर आएतस्वीर: Evgenia Novozhenina/REUTERS

पुतिन ने कहा कि इसी वजह से उनके देश का लक्ष्य, "रक्षा औद्योगिक परिसर को इस तरह से विकसित करना है जिससे देश की वैज्ञानिक, तकनीकी और औद्योगिक क्षमता बढ़ाई जा सके." एक साल पहले पुतिन ने जिस तरह से और जिन हालात में बात की थी, 29 फरवरी को उनका रुख उससे बिल्कुल उलटा था. उस वक्त यूक्रेन ने उत्तरपूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन से रूसी सेनाओं को पीछे धकेलने में कामयाबी हासिल की थी.

हालांकि, 2023 की गर्मियों में यूक्रेन का अभियान ऐसे नतीजे हासिल करने में नाकाम रहा और रूसी सेनाओं ने पूर्व की तरफ आवदिव्का पर कब्जा कर लिया. वह इस जीत को भुना कर आगे बढ़ने की कोशिश में हैं. दूसरी तरफ यूक्रेन रक्षात्मक मुद्रा में है.

यूक्रेन को जिस तरह का अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिल रहा था, उसमें भी कमी आई है. करीब 50 अरब डॉलर के अमेरिकी मदद का ताजा पैकेज संसद में अटका पड़ा है. भाषण में पुतिन ने हालिया जीतों का भी ब्योरा दिया.

रूसी झंडों के बीच रेड स्क्वेयर के पास पुतिन मंच पर अकेले थे. इस दौरान देश के नए और आधुनिक हथियारों की बात भी हुई. इसमें जिर्कॉन और किंजाल सुपरसोनिक मिसाइल भी शामिल हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि रूस उन्हें तैनात करने जा रहा है. 

पुतिन ने अपने भाषण में रूस के मजबूत आर्थिक प्रदर्शना का भी जिक्र किया और कई सारे घरेलू सुधारों का जिक्र किया. जाहिर है, यह सब आगामी चुनावों को देखते हुए किया कया.

रूसी राष्ट्रपति का कहना है कि उनका देश आर्थिक मोर्चे पर बढ़िया काम कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने आर्थिक मामलों से जुड़े कई आर्थिक सुधारों का भी ब्योरा दिया. पुतिन का भाषण ना सिर्फ सरकारी टेलिविजन पर, बल्कि जगह-जगह विशाल डिजिटल स्क्रीनों और सिनेमाघरों में भी मुफ्त प्रसारित किया गया.

पुतिन 1999 से ही रूस की सत्ता पर काबिज हैं. वह जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे अधिक समय तक रूस के शासक रहे हैं और आगामी चुनाव में जीतने के बाद पुतिन, स्टालिन का रिकॉर्ड भी तोड़ देंगे.

पुतिन का भाषण विपक्षी नेता ऐलेक्सी नावाल्नी के अंतिम संस्कार से ठीक एक दिन पहले हुआ है. 16 तारीख को नावाल्नी की मौत रूसी जेल में अघोषित वजहों से हुई. उनका अंतिम संस्कार 1 मार्च को मॉस्को में होगा. विपक्षी दलों का आरोप है कि नावाल्नी को धीमा जहर देकर जेलमें मारा गया है. नावाल्नी की मौत के कई दिनों बाद उनका शव परिजनों को दिया गया.

एनआर/एसएम (रॉयटर्स, एएफपी)