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पुतिन के आलोचक नावाल्नी को मिली अस्पताल से छुट्टी

२३ सितम्बर २०२०

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक अलेक्सी नावाल्नी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. पिछले महीने उन्हें रूस में जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी. इसके बाद बर्लिन के एक अस्तपताल में उनका इलाज हो रहा था.

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Berlin Charite Alexei Navalny Instagram Post
तस्वीर: Alexey Navalny/Instagram

नावाल्नी बर्लिन के शारिटे अस्पताल में 32 दिन तक भर्ती रहे. लेकिन बुधवार को अस्पताल ने कहा कि उनकी तबियत में बहुत सुधार आया है और अब उन्हें छुट्टी दी जा सकती है. अस्पताल ने कहा कि नावाल्नी को मंगलवार को ही डिस्चार्ज कर दिया गया था. अस्पताल का कहना है, "नावाल्नी की तबियत के बारे में जानकारी खुद नावाल्नी और उनकी पत्नी से सलाह मशविरा करने के बाद सार्वजनिक की गई है."

जर्मन सरकार का कहना है कि जर्मनी, फ्रांस और स्वीडन में हुए टेस्ट के नतीजे बताते हैं कि नावाल्नी को सोवियत काल के एक नर्व एजेंट के जरिए जहर दिया गया था.  यह घटना 20 अगस्त की है जब वह एक घरेलू उड़ान के जरिए साइबेरिया से मॉस्को जा रहे थे. लेकिन उड़ान के दौरान जब नावाल्नी की तबियत बिगड़ने लगी तो विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई.

नावाल्नी की प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने विमान में सवार होने से पहले सिर्फ एयरपोर्ट पर चाय पी थी. इसके बाद नावाल्नी को इलाज के लिए जर्मनी लाया गया. शारिटे अस्पताल का कहना है कि नावाल्नी को कुल 24 दिन आईसीयू में रखा गया और इस दौरान वह दो हफ्तों तक चिकित्सीय कोमा रखे गए क्योंकि उन्हें एंटीडोट दिए जा रहे थे.

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डॉक्टरों को शुक्रिया

अस्पताल से छुट्टी दिए जाने से पहले शनिवार को नावाल्नी ने अपनी एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें वह सीढ़ियों से उतर रहे हैं. अपनी तबियत बेहतर होने के लिए उन्होंने जर्मन डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "बहुत सारी समस्याएं अब भी सुलझाई जानी बाकी हैं. लेकिन शारिटे अस्पताल के जबरदस्त डॉक्टरों ने मुख्य समस्या को सुलझा दिया है."

जर्मनी के रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने पाया कि 44 साल के नावाल्नी को जहर दिया गया था. इसके बाद जर्मनी ने रूस की सरकार से इस मामले की पूरी जांच कराने की मांग की. नावाल्नी के सहयोगी उन्हें जहर दिए जाने के पीछे रूसी सरकार का हाथ बताते हैं, हालांकि रूस ऐसे आरोपों से इनकार करता है. इस बारे में कार्रवाई करने के लिए जब जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और अन्य नेताओं ने फोन किया तो रूस की सरकार भड़क गई.

रूस का कहना है कि उसे अभी तक नावाल्नी को जहर दिए जाने के सबूत नहीं दिए गए हैं और उसने अभी तक इस मामले की जांच शुरू करने से भी इनकार किया है. इसकी बजाय आधिकारिक जांच से पहले की छानबीन की जा रही है.

एके/एमजे (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)

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