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पीएम लोकपाल के दायरे से बाहर रहे: जयललिता

२८ जून २०११

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखने के पक्ष में नहीं है. जयललिता के मुताबिक इससे प्रधानमंत्री का प्रभाव और अधिकार कम होगा और समानांतर सरकार का रास्ता खुल जाएगा.

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तस्वीर: AP

चेन्नई में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में जयललिता ने बताया, "प्रधानमंत्री पद को लोकपाल के दायरे में लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले ही भ्रष्टाचार निरोधी कानून के दायरे में आते हैं और सीबीआई उसके खिलाफ जांच कर सकती है." जयललिता ने आशंका जताई कि इस बिल का इस्तेमाल विदेशी ताकतें देश को अस्थिर करने की साजिश में कर सकती हैं. उनका कहना है कि लोकपाल के अंतर्गत लाने से प्रधानमंत्री का अधिकतर समय अपने बचाव में ही निकल जाएगा और कामकाज इससे प्रभावित होगा.

"इससे प्रधानमंत्री के अधिकारों को चोट पहुंचेगी क्योंकि यदि उनके खिलाफ लगे आरोप गलत साबित हो जाएं तो भी वह बचाव की मुद्रा में रहेंगे." वैसे उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकपाल बिल के मुद्दे पर राज्य सरकारें अपनी राय से सरकार को अवगत तभी कराएंगी जब संसद में लोकपाल बिल का मसौदा रखा जाएगा.

2जी घोटाले की आंच जब पिछले साल नवंबर में चरम पर थी तो जयललिता ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने की पेशकश की थी. डीएमके के यूपीए सरकार से निकलने की आशंका जताई जा रही थी और तब जयललिता ने अपनी ओर से यह प्रस्ताव रखा. हालांकि अब जयललिता का कहना है कि समर्थन की पेशकश तो एक बार ही की गई क्योंकि उस समय डीएमके के जाने से सरकार की स्थिरता पर असर पड़ने की संभावना थी.

जयललिता के मुताबिक एआईएडीएमके पार्टी यूपीए सरकार को आश्वस्त करना चाहती थी कि डीएमके अगर सरकार से बाहर जाती भी है तो सरकार को गिरने का खतरा नहीं रहेगा. अब कांग्रेस ने उनके समर्थन को स्वीकार क्यों नहीं किया और डीएमके के साथ अपने गठबंधन को क्यों जारी रखा यह तो कांग्रेस ही बता सकती है.

जब उनसे केंद्रीय राजनीति में भूमिका के बारे में पूछा गया तो जयललिता ने कहा कि उनकी ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है लेकिन उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएंगी वह उसे अच्छे से निभाएंगी. जयललिता ने कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा है कि भारत एक महाशक्ति बने. भारत में एक महाशक्ति बनने की संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए एक मजबूत और देशभक्त नेता के केंद्र में होने की जरूरत है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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