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पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने के खिलाफ सरकार

१८ जून २०११

भारत सरकार ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखने के पक्ष में नहीं है. पद छोड़ने के बाद पीएम लोकपाल के दायरे में आ सकता है और सरकार इस पर बातचीत के लिए तैयार है. ड्राफ्टिंग कमेटी में मतभेद हैं.

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तस्वीर: UNI

भारत के एक टीवी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने सरकार का रुख साफ करते हुए कहा, "हम महसूस करते हैं कि प्रधानमंत्री को इस बिल में नहीं रखना चाहिए. लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जब पीएम अपने पद से हट जाए तो फिर उसे छूट नहीं मिलनी चाहिए." वैसे कपिल सिब्बल ने यह भी कहा है कि इस मुद्दे पर सरकार तभी अंतिम फैसला लेगी जब बिल का मसौदा कैबिनेट के पास जाएगा.

Arvin Kejriwal
तस्वीर: dapd

लोकपाल बिल के लिए मसौदा तैयार करने वाली संयुक्त समिति की आखिरी बैठक से दो दिन पहले सिब्बल का यह बयान आया है. कपिल सिब्बल के मुताबिक समिति में शामिल पांच मंत्री प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के लिए तैयार हो जाते, बशर्ते के सिविल सोसायटी के सदस्य इसके पक्ष में वजनदार तर्क रखते.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कह चुके हैं कि लोकपाल बिल के दायरे में आने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है. सिब्बल का कहना है कि यह किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि संस्था का सवाल है. प्रधानमंत्री को लोकपाल बिल से अलग रखने के पक्ष में तर्क रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, "दुनिया में ऐसा कौन सा प्रधानमंत्री है जिस पर पद पर रहते हुए मुकदमा चलाया गया है. मुझे बताओ, मुझे एक उदाहरण दो." सिब्बल का कहना है कि अन्ना हजारे के लिए लोग सड़कों पर इसलिए उतरे क्योंकि वह भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं लेकिन लोकपाल बिल के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है.

सिब्बल के मुताबिक सरकार भी भ्रष्टाचार से निपटना चाहती है. अन्ना हजारे के अनशन के बाद सरकार और सिविल सोसायटी के सदस्य लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रहे हैं. लेकिन कई दौर की वार्ता के बाद भी सहमति न बन पाने के चलते अब कैबिनेट को दो मसौदे भेजने का फैसला लिया गया है. दोनों पक्षों के बीच आखिरी दौर की बातचीत होनी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखने पर कायम मतभेदों के बीच सरकार जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुला सकती है. इस बात के संकेत शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पार्टी की आला नेताओं के साथ बैठक के बाद मिले हैं. कांग्रेस के नेता सरकार और अन्ना हजारे के नेतृत्व वाली सिविल सोसाइटी के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण सभी दलों को विश्वास में लेना चाहते हैं.

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