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पाकिस्तानी बाढ़ पीड़ितों को और मदद जरूरी: यूएन

२८ जुलाई २०११

पाकिस्तान में भयानक बाढ़ के एक साल बाद संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रऊफ एंजिन सोयसाल ने विश्व समुदाय से पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उदारता से दान देने की अपील की है.

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तस्वीर: dapd

संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कहा, "हमें और अधिक मदद की जरूरत है." शुरू में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को 1.9 अरब डॉलर देने की अपील की गई थी लेकिन इसमें से सिर्फ 1.3 अरब डॉलर की राशि उसे दी गई. सोयसाल ने कहा कि पाकिस्तानी जनता की हिम्मत की प्रशंसा की जानी चाहिए जिन्होंने आपादा के समाने बहादुरी दिखाई है.

पिछले साल जुलाई के अंत में भारी वर्षा के बाद पाकिस्तान में अभूतपूर्व बाढ़ आ गई थी. बाढ़ की चपेट में पहले देश का उत्तरी इलाका आया लेकिन बाद में केंद्रीय और दक्षिणी पाकिस्तान भी बाढ़ के पानी में डूब गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 2000 लोगों की बाढ़ में डूबकर मौत हो गई.

देश का व्यापक हिस्सा पानी के नीचे था. एक समय तो पाकिस्तान का पांचवा हिस्सा बाढ़ का शिकार हो गया था. 18 करोड़ आबादी में से 2 करोड़ लोग बाढ़ से पीड़ित हुए थे और 17 लाख हेक्टेयर खेत में फसल नष्ट हो गई थी. सोयसाल का कहना है, "आपादा का आयाम अभूतपूर्व है." बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जीवन अभी भी पटरी पर वापस नहीं लौटा है. संयुक्त राष्ट्र के दूत का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में काफी समय लगेगा.

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तस्वीर: AP

संसाधनों की कमी

दसियों हजार परिवार अब भी कामचलाऊ घरों में रह रहे हैं. वे स्थायी घर नहीं बना पाए हैं और न ही रोजी रोटी का उपाय कर पाए हैं. प्रभावित लोगों में अधिकतर किसान हैं जिनके पास बाढ़ के कारण परंपारगत रूप से घरों में जमा किए जाने वाले बीज नहीं बचे हैं और नया बीज खरीदने के पैसे भी नहीं हैं.

पाकिस्तान के आपदा सुरक्षा संगठन एनडीएमए के प्रमुख जफर इकबाल कादिर ने भी शिकायत की है कि उनकी सरकार के पास प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा देने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. संसाधनों के अभाव में पाकिस्तान सरकार लोगों को पर्याप्त सहायता नहीं दे पाई है. हर परिवार को 80,000 रुपए का मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ एक चौथाई पैसा मिला है.

कुछ अंतरराष्ट्रीय राहत संस्थाओं ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान सरकार पिछले साल की बाढ़ के बावजूद भावी विपदाओं का सामना करने के लिए तैयार नहीं है. उनके अनुसार इस साल का मॉनसून 50 लाख लोगों के लिए खतरा ला सकता है. लेकिन कादिर का कहना है कि उनकी संस्था इस साल बाढ़ का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस साल कुछ इलाकों में सामान्य से 10 फीसदी अधिक वर्षा होने की आशंका है.

जर्मन मदद

वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक ने एक साझा रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान को शताब्दी की सबसे भयानक बाढ़ में 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, जो राष्ट्रीय बजट का लगभग एक चौथाई है. इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ संघर्ष के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जर्जर हालत में है.

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तस्वीर: dapd

जर्मन राहत संस्था डियाकोनी ने पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों की मदद का सकारात्मक मूल्यांकन किया है. प्रोटेस्टेंट राहत संस्था का कहना है कि उसने बाढ़ के बाद पहले साल फौरी सहायता और पुनर्निर्माण के लिए 46 लाख यूरो दिए हैं और 4 लाख लोगों को सहायता पहुंचाई है. संस्था को पाकिस्तान में मदद के लिए पौने दो करोड़ यूरो का चंदा मिला है. आने वाले तीन सालों में वह बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बाढ़ और भूकंप से सुरक्षित सैकड़ों घरों, हेल्थ सेंटरों और स्कूलों का निर्माण करेगा. स्थानीय संगठनों की मदद से डियाकोनी खासकर उत्तरी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सक्रिय है. उसने पंजाब और कश्मीर के इलाके में भी मदद दी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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