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पाकिस्तान में दोगुने हुए हिरासत में बलात्कार

९ अप्रैल २०११

पाकिस्तान में ईशनिंदा के खिलाफ बनाया गया कानून अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. वहां हिरासत में मौत और बलात्कारों की संख्या दोगुनी हो गई है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 190 देशों में मानवाधिकारों की स्थिति पर सालाना रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में 2010 की स्थिति पर विस्तार से बात की गई है. रिपोर्ट में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात पर विशेष चिंता जताई गई है.

ईशनिंदा के नाम पर

रिपोर्ट कहती है, "पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की आजादी पर हमले और उनका शोषण लगातार जारी है. ईशनिंदा कानूनों का इस्तेमाल उन्हें प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है. अल्पसंख्यक विचार रखने वाले मुसलमान भी इसका शिकार हो रहे हैं."

Anschlag in Pakistan Quetta
तस्वीर: AP

रिपोर्ट में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या का भी जिक्र है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में ईश निंदा कानून पर हाल के समय में खासा हंगामा हुआ है. 2011 के पहले दो महीनों में दो बड़े नेतओं की इस वजह से हत्या कर दी गई क्योंकि उन्होंने ईशनिंदा कानून के विरोध में आवाज उठाई.

बलात्कार और यातना

पाकिस्तान में मानवाधिकारों की हालत को भी रिपोर्ट में बहुत नकारात्मक शब्दों में बयान किया गया है. इसके मुताबिक पिछले साल हिरासत में यातना देने और बलात्कार के मामलों में खासी बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट कहती है कि 2009 के मुकाबले 2010 में ऐसे मामले लगभग दोगुने हो गए.

सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स एंड प्रिजनर्स एड ने कहा है कि पिछले साल पुलिस मुठभेड़ में 72 नागरिक मारे गए जबकि जेलों में 168 लोगों की जानें गईं.

रिपोर्ट में आतंकवादी हिंसा का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट कहती है, "आतंकवादी सभी चार राज्यों और संघ शासित आदिवासी क्षेत्रों में बम धमाके करते रहे जिनमें लोगों की जानें जाती रहीं." रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादी हमलों और उनका जवाब देने की कार्रवाइयों में कुल 7400 लोगों की मौत हुई जिनमें लगभग 1800 आम नागरिक थे. मरने वालों में 450 सुरक्षाकर्मी और 5100 आतंकवादी थे.

Pakistan US Bürger verurteilt
तस्वीर: AP

कराची किलिंग

रिपोर्ट कराची और बालोचिस्तान में हुई राजनीतिक हिंसा पर भी चिंता जताती है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट में द डॉन अखबार की एक खबर का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक कराची में राजनीतिक हिंसा में 1981 लोगों को कत्ल कर दिया गया. इनमें से 748 निशाना बनाकर की गई हत्याओं का शिकार बने.

रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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