पाकिस्तान ने मांगी कसाब तक पहुंच
२५ अप्रैल २०१०मलिक ने पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त शरत सभरवाल से मुलाकात की और उन्हें इस बारे में जानकारी दी कि मुंबई हमलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ पाकिस्तान में कौन कौन से कदम उठाए गए हैं. भारतीय उच्चायोग के प्रवक्ता सिद्धार्थ जुत्सी ने इस मुलाकात की पुष्टि की है, लेकिन दोनों के बीच होने वाली बातचीत के मुद्दों से उन्होंने अभिज्ञता जताई.
वहीं आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया है कि मलिक ने भारतीय उच्चायुक्त से कहा कि पाकिस्तानी अदालतों की तरफ से कसाब को एक बार घोषित अपराधी या भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद वह इस सिलसिले में पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे का हिस्सा बन जाएगा और इसीलिए पाकिस्तानी अभियोक्ता उससे निजी रूप से मिलना चाहते हैं.
मलिक के हवाले से सूत्रों ने कहा है कि मुंबई की विशेष अदालत में कसाब के खिलाफ मुकदमा पूरा होने के बाद पाकिस्तान उस तक पहुंच चाहता है. उनका मानना है कि पाकिस्तान में मुंबई हमलों के सिलसिले में लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात लोगों के खिलाफ केस मजबूत होगा. मुंबई की विशेष अदालत 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों में शामिल होने के लिए कसाब और दो अन्य भारतीय के खिलाफ 3 मई को अपना फैसला सुनाएगी.
सूत्रों के मुताबिक मलिक और सभरवाल की मुलाकात में जमात उद दावा के संस्थापक हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने की भारत की मांग पर चर्चा हुई. मलिक ने जमात उद दावा के खिलाफ पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी. इनमें इस गुट के दफ्तर, बैंक खातों, वेबसाइट और प्रकाशनों को सील करना शामिल है. मलिक ने कहा कि पाकिस्तान सईद और जमात उद दावा पर नजदीक से नजर बनाए हुए है, लेकिन पुख्ता सबूतों के बिना उन्होंने किसी तरह की कार्रवाई से इनकार किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़