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पाकिस्तान ने पैनेटा के आरोप ठुकराए

९ जून २०१२

पाकिस्तान ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा के बयान को ठुकरा दिया है. पैनेटा ने कहा था कि अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के प्रयास तब तक मुश्किल रहेंगे जब तक उग्रपंथियों के पास पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह है.

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तस्वीर: dapd

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, "हमारा मानना है कि रक्षा मंत्री उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ हमारे प्रयासों के कुछ बहुत जटिल मामलों को एकदम आसान बनाकर पेश कर रहे हैं." पाकिस्तान में अमेरिकी कमांडो कार्रवाई में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से दोनों देशों के संबंध बिगड़े हुए हैं. बिन लादेन को पकड़ने में मदद देने वाले डॉक्टर को देशद्रोह के 33 साल की सजा ने रिश्तों को और बिगाड़ा है. इसके अलावा पिछले नवम्बर में अफगान सीमा पर एक अमेरिकी हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने नाटो के लिए अफगानिस्तान जाने का रास्ता बंद कर रखा है.

सुलह की कोशिश

नाटो सैनिकों को रसद पहुंचाने के लिए छह महीने से बंद रास्तों को खुलवाने पर बातचीत के लिए अमेरिकी उप रक्षा मंत्री पीटर लेवॉय शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंचे हैं. अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि वे लोगों के व्यापक वर्ग से मिलेंगे और अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. कुछ ही दिन पहले रक्षा मंत्री पैनेटा ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि उग्रपंथियों के सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करने से पाकिस्तान की मनाही पर अमेरिका के सब्र का बंध टूट रहा है.

Obama und Gilani in Seoul 2012
पाकिस्तान पर बढ़ता अमेरिकी दबावतस्वीर: Reuters

लेवॉय के दौरे के बारे में एक पाकिस्तानी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि बातचीत नाटो के सप्लाई रास्ते को खोलने, सीमा पर समन्वय बेहतर बनाने और कोलिशन सपोर्ट फंड सीएसएफ के मामले को सुलझाने पर केंद्रित होगी.

पाकिस्तान पर दबाव

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लेवॉय के दौरे पर विवाद के सुलझने की ज्यादा संभावना नहीं है. प्रो. हसन असकरी कहते हैं, "वे पाकिस्तान को रास्ते को खोलने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तान फिलहाल कड़ा रुख अपनाएगा." असकरी का कहना है कि अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वारदाक के साथ मुलाकात के बाद पैनेटा की कड़ी टिप्पणी का उद्देश्य पाकिस्तान पर दबाव डालना है.

पैनेटा ने इस सिलसिले में तालिबान और अल कायदा से जुड़े कट्टरपंथी संगठन अल हक्कानी गुट का नाम लिया जिसका आधार पाकिस्तान के कबायली इलाके उत्तर वजीरिस्तान में है. उस पर अफगानिस्तान में दस साल से चल रहे युद्ध के दौरान कुछ सबसे जानलेवा हमलों का आरोप है. पाकिस्तान अमेरिका के नेतृत्व में चल रहे आतंकवाद विरोधी संघर्ष में मोर्चे पर है, लेकिन 2007 से खुद स्थानीय तालिबान के विद्रोह और हमलों का सामना कर रहा है.

रिपोर्ट: महेश झा (रॉयटर्स, एएफपी)

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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