पाक की बेटियां बेची जा रही हैं, सरकार कहती है खामोश रहो
४ दिसम्बर २०१९समाचार एजेंसी एपी को एक लिस्ट मिली है जिसे पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने तैयार किया है. अधिकारियों का कहना है कि लड़कियों के परिजनों की गरीबी का फायदा उठाकर उनका शोषण हो रहा है. उन्हें चीनी नागरिकों को बेचा जा रहा है जो उन्हें अपने साथ चीन ले जाते हैं और उनका शोषण करते हैं.
अधिकारियों का कहना है कि यह इंसानी तस्करी 2018 से चल रही है. जो लिस्ट सामने आई है वह पीड़ित लड़कियों और महिलाओं का सबसे पुख्ता आंकड़ा सामने रखती है. जून महीने में यह लिस्ट तैयार की गई. लेकिन जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ उनकी कार्रवाई को लगभग रोक दिया गया है. इस मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार की तरफ से भी खासा दबाव था क्योंकि उसे चिंता थी कि इसके चलते कहीं चीन से उसके रिश्ते खराब ना हो जाएं. चीन पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है.
ऐसे तस्करों के खिलाफ सबसे बड़ा केस उस वक्त तार तार हो गया, जब अक्टूबर में फैसलाबाद की एक अदालत ने 31 चीनी आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले में कई महिलाओं ने अदालत में गवाही देने से इनकार कर दिया क्योंकि या तो उन्हें धमकियां दी गई या फिर रिश्वत दी गई, जबकि पहले उन्होंने इस बारे में पुलिस को अपने बयान दिए थे. दो महिलाओं ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि अगर उन्होंने गवाही दी, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
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सलीम इकबाल ऐसी कई लड़कियों को चीन से वापस पाकिस्तान लाने में कामयाब रहे हैं. इसके अलावा कई लड़कियों को उन्होंने चीन जाने से भी रोका है. वह कहते हैं कि संघीय जांच एजेंसियों के जो अधिकारी इस मामले की जांच से जुड़े हैं, उन पर सरकार की तरफ से बहुत दबाव डाला गया है और जांच को रुकवाया जा रहा है. एक इंटरव्यू में इकबाल ने कहा, "कुछ अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है. जब हम पाकिस्तान के हुकमरानों से बात करते हैं तो वे ध्यान नहीं देते."
जब पाकिस्तान के गृह और विदेश मंत्रालय से इन शिकायतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इस तरह की घटनाओं की जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि छानबीन धीमी पड़ गई है. जांचकर्ता खुद हताश बताए जाते हैं और मीडिया संस्थानों को इस तरह की घटनाओं को कवर करने से रोका जा रहा है.
एक अधिकारी ने कहा, "इन लड़कियों को बचाने के लिए कोई कुछ नहीं कर रहा है. यह पूरा गिरोह बदस्तूर सक्रिय है और फैलता जा रहा है. क्यों? क्योंकि उन्हें पता है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. अधिकारी भी कुछ नहीं कर सकते हैं, उन पर जांच ना करने का दबाव है. तस्करी बढ़ रही है."
चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसे ऐसी महिलाओं और लड़कियों की लिस्ट के बारे में पता है. एपी के बीजिंग ब्यूरो को विदेश मंत्रालय की तरफ से भेजे गए एक फैक्स बयान में कहा गया है, "चीन और पाकिस्तान की सरकारें, नियम और कानूनों के मुताबिक और स्वेच्छा से दोनों देशों के लोगों के रिश्तों से बनने वाले खुशहाल परिवारों का समर्थन करती हैं," लेकिन इस तरह की शादियों में होने नियमों के उल्लंघन को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पाकिस्तान का बेहद गरीब ईसाई समुदाय खास तौर से ऐसे तस्कर गिरोहों का शिकार बन रहा है. एजेंट माता पिता को मोटी रकम का लालच देकर उनकी बेटियों की शादी चीनी नागरिकों से करा देते हैं जिन्हें वे अपने साथ चीन ले जाते हैं. लेकिन चीन पहुंचने पर उनके साथ बहुत बुरा सुलूक होता है और बहुत सी लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया जाता है. कई लड़कियां वहां से फोन करती हैं और घर वापस बुलाने की मिन्नत करती हैं.
एपी ने इस संबंध में पुलिस और अदालत के कई अधिकारियों से बात की. एक दर्जन से ज्यादा दुल्हनों के भी इंटरव्यू भी किए. इनमें से कई चीन से पाकिस्तान लौट कर आईं जबकि कई लड़कियां पाकिस्तान में ही उनके जाल में फंसी है. उनके रिश्तेदारों और परिजनों से भी इंटरव्यू किए गए.
मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, म्यांमार, नेपाल, उत्तर कोरिया और वियतनाम जैसे देशों से चीनी लोग दुल्हनें खरीद कर ला रहे हैं. रिपोर्ट के लेखक हीदर बार कहते हैं, "इस मुद्दे पर सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे देशों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जहां दुल्हनों की खरीद फरोख्त का कारोबार फैल रहा है."
एक अन्य मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल में दक्षिण एशिया के लिए अभियान प्रमुख ओमर वड़ाइच कहते हैं कि पाकिस्तान को सिर्फ चीन के साथ अपने संबंधों की खातिर अपने नागरिकों के मानवाधिकार हनन पर आंखें नहीं मूंदनी चाहिए, अब भले ही मामला पाकिस्तानी महिलाओं को दुल्हन के तौर पर चीनी नागरिकों को बेचने का हो या फिर चीन में पााकिस्तानी पतियों से उनकी उइगुर बीवियों को अलग रखने का.
एके/एमजे (एपी)
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