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'पाक सेना के पास हथियारों की कमी'

१८ अगस्त २००९

पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद ने बताया कि दक्षिणी वज़ीरिस्तान में तालिबानी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सैनिक कार्रवाई शुरू करने में बहुत वक़्त लग सकता है क्योंकि ज़मीनी कार्रवाई के लिये पर्याप्त हथियार नहीं.

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तस्वीर: Abdul Sabooh

अहमद ने कुछ पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि दक्षिणी वज़ीरिस्तान में तालिबानी लड़ाकों के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान शुरु करने की तैयारी में "लंबा समय लगेगा क्योंकि हथियारों की कमी है." अहमद ने इस बारे में पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के लिये अमेरिका के विशेष दूत रिचर्ड होलब्रूक को जानकारी दी कि दक्षिणी वजी़रिस्तान में तालिबान के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान शुरू करने में कितना वक़्त लगेगा.

अहमद ने कहा कि "पाकिस्तानी सेना कोशिश कर रही है कि वह इलाके की कड़ी घेराबंदी कर अगली ज़मीनी कार्रवाई के लिये सही हालात तैयार करें. चरमपंथियों के ठिकानों पर युद्धक हवाई जहाज़, हैलिकॉप्टरों से हमले किये जाएंगे."

अहमद का कहना था कि "पाकिस्तानी सेना के पास चरमपंथियों के ख़िलाफ़ बड़ी ज़मीनी कार्रवाई करने के लिये उचित हथियार नहीं हैं. कई हैलिकॉप्टर अब भी स्वात और उत्तरी वज़ीरिस्तान में तालिबानी लड़ाकों के ख़िलाफ़ अभियान में जुटे हुए हैं. इनकी ठीक से जांच पड़ताल करने के बाद ही इन्हें दक्षिणी वज़ीरिस्तान में भेजा जा सकता है. दक्षिणी वज़ीरिस्तान अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है और इसे तालिबानी लड़ाकों के छुपने की ख़ास जगह माना जाता है.

Malerisch, aber folgenlos
दक्षिणी वज़ीरिस्तान की सीमा अफ़ग़ानिस्तान से मिलती है.तस्वीर: AP

"जब आपको लगे कि सारे हालात ठीक हैं, आप उनकी संरचना और उनकी लड़ने की क्षमता को कम कर सकें तो फिर उन पर ज़मीनी सैनिक कार्रवाई की जा सकती है. यह जाड़ों के दौरान हो सकता है या फिर और बाद में."

पाकिस्तानी सेना ने तहरीक ए तालिबान के प्रवक्ता मौलवी उमर को पकड़ लिया है.उत्तर पश्चिमी कबायली इलाके में उसे पकड़ा गया. बताया जाता है कि सरकार समर्थक एक मिलिशिया ने उसे पकड़ कर पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के हवाले किया. सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि मौलवी उमर को उत्तर पश्चिमी कबायली इलाके के मोहमंद प्रांत में पकड़ा गया था. पाकिस्तानी सेना के मेजर फज़ल उर रहमान का कहना था कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण तालिबानी लड़ाका पकड़ा गया है. हालांकि संवाददाता सम्मेलन से पहले मेजर रहमान इस बारे में कोई जानकारी नहीं देना चाहते थे. बाद में पाकिस्तान की सरकार, सेना और सुरक्षा अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि गिरफ्तार तालिबानी लड़ाका मौलवी उमर ही है.

स्थानीय लोगों और अधिकारियों का कहना है कि मौलवी उमर का असली नाम सैयद मोहम्मद है. बताया जाता है कि उमर एक इत्र व्यापारी था और 2004 में वह एक लड़ाके के तौर पर पाकिस्तानी तालिबान में शामिल हुआ.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ आभा मोंढे

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य