1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'पाक तय करे हमारी सेना चाहिए या नहीं'

६ मई २०११

ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के बाद पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी हवा तेज हो गई है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है कि पाकिस्तान फैसला करे कि उसकी जमीन पर अमेरिकी सेना रहे या नहीं.

https://p.dw.com/p/11APt
Chris Tomlinson, right, of the Associated Press, eats a "meal ready to eat," or MRE, at a temporary camp in the desert with U.S. Army soldiers from the A Company 3rd Battalion, 7th Infantry Regiment about 100 miles south of Baghdad March 24, 2003. Tomlinson was among journalists "embedded" with the troops during the war in Iraq. (AP Photo/John Moore)
तस्वीर: AP

पाकिस्तानी सेना के फैसलों पर अमेरिकी सेना के संयुक्त प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन के प्रवक्ता ने कहा, ''पाकिस्तान सरकार के न्योते पर ही वहां अमेरिकी सैन्य प्रशिक्षकों का एक छोटा सा जत्था है. इसलिए इस पर फैसला करना उनकी सरकार का विशेषाधिकार है. विशेषाधिकार बदल सकते हैं. लेकिन अब तक जनरल कियानी ने आधिकारिक रूप से हमें सूचित नहीं किया है.''

ओसामा बिन लादेन की मौत के तीन दिन बाद गुरुवार को पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई. इसमें 'पाकिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या न्यूनतम स्तर' पर करने का फैसला किया गया है. पाकिस्तानी सेना अमेरिकी कार्रवाई से भी नाराज है. सेना के अधिकारी एबटाबाद ऑपरेशन को देश की संप्रभुता से जोड़ रहे हैं.

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कियानी ने टॉप कमांडरों के साथ तय किया है कि भविष्य में अमेरिका अगर इस तरह की कोई कार्रवाई करेगा तो इसे संप्रभुता पर हमला माना जाएगा. ऐसी स्थिति में पाकिस्तान ने सैन्य और खुफिया सहयोग तोड़ने की भी चेतावनी दी है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें