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पहली बार दिनदहाड़े लीबिया पर नाटो की बमबारी

२८ मई २०११

हर सुबह खबर आती थी कि रात के दौरान नाटो के हवाई जहाजों ने लीबिया में कहां कहां बमबारी की. आज शनिवार को पहली बार राजधानी त्रिपोली में दिनदहाड़े नाटो विमान ने बमबारी की है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

लगातार पांच रात तक हवाई हमले के बाद त्रिपोली में दिन के दौरान बमबारी का उद्देश्य गद्दाफी पर दबाव बढ़ाना है, ताकि 41 साल तक सत्ता पर काबिज रहने के बाद वह अब हट जाएं. भारतीय समय के अनुसार दोपहर को लगभग डेढ़ बजे वहां एक भारी धमाका सुना गया. यह अभी साफ नहीं है कि यह बम था या मिसाइल. हमले के लक्ष्य के बारे में भी कोई सूचना नहीं दी गई है.

लीबियाई टेलीविजन और अरब न्यूज चैनल अल अरबिया के अनुसार शुक्रवार रात को भी राजधानी में कई ठिकानों पर बमबारी की गई. लीबियाई टेलीविजन ने कहा है कि इन हमलों में जानमाल का नुकसान हुआ.

Libyen Misrata Rebellen Kämpfe
तस्वीर: picture alliance / dpa

दिनदहाड़े यह हमला फ्रांस के दोविल में जी 8 देशों की शिखर बैठक के ठीक बाद हुआ है. इस बैठक में पश्चिमी देशों के साथ सुर मिलाते हुए रूस ने भी गद्दाफी से सत्ता छोड़ने की मांग की. अब तक रूस लीबिया पर बमबारी की आलोचना करता रहा है.

बैठक के दौरान ही नाटो की ओर से घोषणा की गई थी कि गद्दाफी की थलसेना पर दबाव बढ़ाने के लिए अब लड़ाकू हेलिकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जो निशाना साधकर हमला करेंगे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि अब स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि गद्दाफी पर दबाव बढ़ता जा रहा है. और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने कहा था कि गद्दाफी लीबिया का नेतृत्व करने का अधिकार खो चुके हैं. उनकी राय में विश्व समुदाय अब उन्हें लीबिया का नेता नहीं मानता है.

रूस के रुख में बदलाव के बावजूद प्रेक्षकों को संदेह है कि गद्दाफी सत्ता छोड़ने के लिए तैयार होंगे. अरब लीग के महासचिव आम्र मूसा ने कहा है कि जहां तक वे गद्दाफी को जानते हैं, उन्हें नहीं लगता है कि वह गद्दी छोड़ने के लिए तैयार होंगे.

इस बीच विद्रोहियों के कब्जे वाले नगर मिसराता और जिनतान की पहाडी बस्तियों में भारी लड़ाई जारी है. मिसराता में अस्पताल के डॉक्टरों ने सूचित किया है कि 5 विद्रोहियों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एस गौड़

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