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पलटा असीमानंद, समझौता धमाके में 'हाथ नहीं'

१९ जुलाई २०११

दक्षिणपंथी हिंदू गुट के सदस्य स्वामी असीमानंद का कहना है कि वह समझौता एक्सप्रेस बम धमाके में शामिल नहीं था और उसने इस बारे में इकबालिया बयान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दबाव में दिया.

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समझौता एक्सप्रेस में मारे गए थे 68 लोगतस्वीर: AP

हरियाणा के पंचकुला में विशेष अदालत के बाहर असीमानंद ने पत्रकारों को बताया, "मुझे एनआईए ने धमाके में शामिल होने की बात कबूलने के लिए मजबूर किया. मेरे बारे में जो सबूत हैं, वे एनआईए के रचे हुए हैं." पंचकुला की अदालत ने एनआईए की चार्जशीट पर अगली सुनवाई की तारीख 17 अगस्त तय की है. कैमरे की मौजूदगी में हुई अदालती कार्यवाही के दौरान एनआईए ने कहा कि वह जल्द ही कुछ और आरोपियों के खिलाफ सहायक चार्जशीट दायर करेगी. बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि एनआईए ने सहायक चार्जशीट दायर करने के लिए और समय मांगा है.

20 जून को एनआईए ने असीमानंद और चार अन्य लोगों पर समझौता एक्सप्रेस में धमाके करने के आरोप लगाए. भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 2007 में हुए धमाके में 68 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. अतिरिक्त जिला और सत्र जज कंचन माही की अवकाशीय अदालत के सामने दायर चार्जशीट में एनआईए ने असीमानंद, सुनील जोशी (जो अब जीवित नहीं है), लोकेश शर्मा, संदीप डांगे और रामचंद्र कलासंगरा उर्फ रामजी पर ट्रेन में धमाके की साजिश रचने का आरोप लगाया.

इससे अलग जयपुर की अदालत में अजमेर दरगाह पर हुए धमाके के मामले में एनआईए ने असीमानंद और सात अन्य लोगों पर हत्या और आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के आरोप लगाए. जांच एजेंसी ने इस मामले में यह दूसरी चार्जशीट दायर की है. अजमेर की सूफी दरगाह पर 2007 में हुए धमाके में तीन लोग मारे गए.

दरगाह धमाके में एनआईए की चार्जशीट में असीमानंद, संदीप डांगे, भवेश भाई, मेहुल, सुरेश भाई, रामचंद्र और सुनील जोशी को मुख्य आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में कहा गया है कि ये सभी हिंदू चरमपंथी हैं जिन्होंने आतंकवादी गतिविधि को अंजाम दिया. उन पर हत्या, हत्या की साजिश और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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